PATNA: बिहार में ताबड़तोड़ और बेलगाम अपराधिक वारदातों के बीच नीतीश सरकार ने फिर से स्पष्ट किया है कि उसकी प्राथमिकता क्या है। सरकार के गृह विभाग ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें ये तय किया है कि गृह विभाग के प्रमुख यानि अपर मुख्य सचिव अब लगातार पुलिस से लेकर अपने अधीन के सारे काम की समीक्षा करेंगे। इसके लिए बैठक साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक और त्रैमासिक होगी। इसमें सबसे दिलचस्प बात ये है कि बिहार सरकार हर सप्ताह दो दिन सिर्फ शराब से जुडे मामलों पर हाईलेवल बैठक कर शराबबंदी की समीक्षा करेगी।
दरअसल राज्य सरकार के गृह विभाग ने नये सिलसिले की शुरूआत की है। गृह विभाग के अंदर ही बिहार पुलिस आती है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव की ओऱ से फरमान जारी किया गया है कि सरकार की प्राथमिकताओं की समीक्षा के लिए अब बैठकों का सिलसिला शुरू होगा। इसमें शराबबंदी, जेल, ट्रैफिक, लॉ एंड आर्डर, अभियोजन, होमगार्ड और फायर ब्रिगेड से लेकर मुख्यमंत्री के विशेष आदेशों की समीक्षा की जायेगी। इन तमाम मामलों की समीक्षा के लिए साप्ताहिक, पाक्षिक यानि 15 दिनों में, मासिक औऱ तीन महीने पर हाईलेवल बैठक करने का फैसला लिया गया है।
शराबबंदी ही सबसे अहम
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव ने बैठकों के लिए जो समय तय किया है उसमें शराबबंदी सबसे अहम है। शराबबंदी के लिए हर सप्ताह में दो दिन बैठक की जायेगी। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव हर मंगलवार को उत्पाद औऱ मद्य निषेध विभाग के आलाधिकारियों के साथ बैठक कर समीक्षा करेंगे कि शराब से जुडे वाद यानि केस की क्या स्थिति है। जबकि हर सप्ताह शुक्रवार को गृह विभाग के अधिकारी, बिहार के डीजीपी, आईजी मद्य निषेध के साथ साथ जिलों के डीएम-एसपी और उत्पाद-मद्य निषेध विभाग के साथ बैठक होगी। इसमें ये देखा जायेगा कि सरकार के शराबबंदी के फरमान पर पुलिस औऱ दूसरे महकमे कितने एक्टिव हैं।
लॉ एंड आर्डर पर सरकार की स्थिति देखिये
वैसे दूसरे मामलों की समीक्षा के लिए भी बैठके होंगी लेकिन सप्ताह में दो दिन सिर्फ शराब पर बैठक होगी. नीतीश कुमार जो विशेष आदेश दे रहे हैं उस पर काम हो रहा है या नहीं इसके लिए हर दो महीने में बैठक होगी। हर महीने के पहले और तीसरे शुक्रवार को मुख्यमंत्री के निर्देशों की समीक्षा होगी। दूसरे और चौथे शुक्रवार को गृह विभाग के दूसरे अहम मसलों पर बैठक होगी। इसी में संभवतः लॉ एंड आर्डर की भी समीक्षा होगी।
गृह विभाग द्वारा पुलिस औऱ दूसरे मसले की भी समीक्षा बैठक होगी. हर महीने दूसरे सोमवार को बजट, सीसीटीएनएस, तीसरे सोमवार को ट्रैफिक औऱएससी-एसटी से जुड़े मामले, वीआईपी कीनिजी सुरक्षा. हर महीने केतीसरे सोमवार को डीएम, एसपी, आयुक्त के साथ बैठक होगी. वहीं राज्य में स्पीडी ट्रायल की क्या स्थिति है इसके लिए महीने में एक दिन यानि हर महीने चौथे सोमवार को बैठक होगी।
दिलचस्प बात ये भी है कि हर सप्ताह शराबबंदी की समीक्षा करने वाली राज्य सरकार हर महीने मासिक बैठक करके भी शराबबंदी की मॉनिटरिंग करेगी. हर महीने के दूसरे मंगलवार को मद्य निषेध औऱ उत्पाद की मासिक समीक्षा बैठक भी होगी।