CHENNAI: चंद्रयान-2 के बाद इसरो ने अपना पहला मिशन लॉन्च किया है. भारतीय अंतरिक्ष स्पेस एजेंसी ने एक बार फिर से इतिहास रच दिया है. इसरो ने श्रीहरिकोटा से आज सुबह मिलिट्री सैटेलाइट कार्टोसैट-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. कार्टोसैट-3 को भारत की आंख भी कहा जा रहा है क्योंकि इससे बड़े स्तर पर मैपिंग की जा सकेगी जिससे शहरों की प्लानिंग और ग्रामीण इलाकों के संसाधनों का प्रबंधन भी किया जा सकेगा.
कार्टोसैट-3 सैटेलाइट पीएसएलवी-सी47 (PSLV-C47) रॉकेट से छोड़ा गया. कार्टोसैट-3 पृथ्वी से 509 किलोमीटर की ऊंचाई पर चक्कर लगाएगा.यह कार्टोसैट सीरीज का नौवां सैटलाइट है, जिसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के सेकंड लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया.
कार्टोसैट-3 तीसरी पीढ़ी का बेहद उन्नत उपग्रह है, जिसमें हाई रेजॉलूशन तस्वीर लेने की क्षमता है. इसका भार 1,625 किलोग्राम है और यह बड़े पैमाने पर शहरों की प्लानिंग, ग्रामीण संसाधन और बुनियादी ढांचे के विकास, तटीय जमीन के इस्तेमाल और जमीन के लिए उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग को पूरा करेगा. पीएसएलवी-सी47 'एक्सएल' कनफिगरेशन में पीएसएलवी की यह 21वीं उड़ान है.