PATNA : इस वक्त एक बड़ी खबर पटना से सामने आ रही है। बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के वीआरएस लिए जाने के बाद आईपीएस अफसर संजीव कुमार सिंघल को पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। बिहार सरकार की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है।
1988 बैच के सीनियर आईपीएस अफसर संजीव कुमार सिंघल फिलहाल होमगार्ड के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। 1987 बैच के आईपीएस अफसर गुप्तेश्वर पांडेय के स्वैच्छिक सेवानिवृत्त के बाद एसके सिंघल को बिहार के डीजीपी के रूप में अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
डीजीपी का कार्यकाल पूरा होने के लगभग 5 महीने पहले ही गुप्तेश्वर पांडेय ने पद से वीआरएस ले लिया है. बिहार सरकार की ओर से डीजीपी के स्वैच्छिक सेवानिवृति को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. पिछले कई दिनों से लगातार ये ख़बरें सामने आ रही थीं कि डीजीपी इसबार के विधानसभा चुनाव में अपना किस्मत आजमाने को लेकर अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भोजपुर या बक्सर जिले के किसी विधानसभा सीट से गुप्तेश्वर पांडेय अपना भाग्य आजमा सकते हैं. पिछले कई दिनों से डीजीपी लगातार बक्सर जिले में थे. जिसके बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि डीजीपी बक्सर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. वहीं दूसरी ओर भोजपुर जिले के शाहपुर सीट से भी चुनाव लड़ने की ख़बरें सामने आ रही हैं.
1961 गुप्तेश्वर पांडेय का जन्म भी बक्सर जिले के एक छोटे से गांव गेरुआ गांव में ही हुआ था. 12वीं कक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण करने के बाद पाण्डेय ने पटना विश्वविद्यालय में नामांकन कराया. इन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से अपनी पढाई पूरी की थी. 1986 में आइआरएस बने. तब वह अपनी इस नौकरी से संतुष्ट नहीं थे, उन्होंने दोबारा यूपीएससी की परीक्षा दी और आइपीएस बने.
गुप्तेश्वर पांडेय 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. पिछले साल 31 जनवरी 2019 को उन्हें बिहार का डीजीपी बनाया गया था. फिलहाल उनका कार्यकाल पूरा होने में करीब 5 महीने का समय बाकी था. डीजीपी के रूप में गुप्तेश्वर पांडेय का कार्यकाल 28 फरवरी 2021 को पूरा होने वाला था. 31 साल की सेवा में गुप्तेश्वर पाण्डेय एएसपी, एसपी, एसएसपी, डीआइजी, आइजी, एडीजी के रूप में बिहार के 26 जिलों में काम कर चुके हैं. अपने कार्यकाल के दौरान गुपतेश्वर पांडेय बिहार के कई बड़े जिलों में पुलिस कप्तान की भूमिका में रहें. इन्हें मुजफ्फरपुर रेंज के आईजी के रूप में भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी.