WEST CHAMPARAN : इंडो नेपाल बॉर्डर पर गतिरोध समाप्त होने के बाद जल संसाधन विभाग की टीम ने नेपाल स्थित एप्लेक्स बांध पर फ्लड फाइटिंग के तहत बांध मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है । 45 मजदूरों की टीम इंजीनियर के साथ कोरोना जांच रिपोर्ट के बाद नेपाल पहुंची है और काम शुरू कर दिया । काम शुरू होने के साथ ही दोनों देशों के बीच तटबंध मरम्मत को लेकर बना गतिरोध समाप्त हो गया है ।
जल संसाधन विभाग के जारी लेटर के बाद बाल्मीकिनगर स्वास्थ्य केंद्र से मजदूरों के साथ संवेदक और अभियंताओं का भी कोरोना जांच के बाद रिपोर्ट तैयार हुआ।कोरोना रिपोर्ट के साथ सभी कर्मचारियों को नेपाल जाने की अनुमति दी गई। मजदूरों के साथ ट्रैक्टर और जरूरी सामान भी भारतीय क्षेत्र से होकर नेपाल पहुंचा।कार्यपालक अभियंता मो. जमील अहमद ने बताया कि गतिरोध समाप्त होने के बाद युद्धस्तर पर विभाग पहले चरण में बांधों की मरम्मत का काम कर रहा है । साथ ही पर्याप्त मात्रा में मैटेरियल भी स्टॉक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि फिलहाल बांध मरम्मत को लेकर किसी तरह का कोई अवरोध नहीं है।
फिलहाल बांध पर कोई खतरा नही
जल संसाधन विभाग ने फिलहाल किसी भी तरह के तटबंध पर खतरे की आशंका से इनकार किया है। विभाग के अभियंताओं का कहना है कि युद्धस्तर पर एप्लेक्स बांध में जो भी क्षतिग्रस्त बिंदु है उसे दुरुस्त किया जा रहा है ।साथ ही गंडक बराज बांध से जुड़े अन्य मरम्मत का कार्य समय रहते पूरा कर लिया जाएगा।
बॉर्डर सील होने के कारण ठप था काम
प्रत्येक वर्ष बाढ़ पूर्व जल संसाधन विभाग गंडक बराज के दोनों तक बंधक मरम्मत का कार्य करता रहा है । कोरोना को लेकर लॉकडाउन के बीच बॉर्डर सील होने के कारण इस वर्ष काम पूरा नहीं हो सका था । जब जल संसाधन विभाग ने काम शुरू करना चाहा तो नेपाल ने बॉर्डर सील होने का हवाला देकर किसी के आने जाने पर पाबंदी में छूट से इनकार कर दिया । जिसके कारण अबतक बांधों की मरम्मत का कार्य नेपाल के क्षेत्र में नहीं हो पाया। जिससे उत्तर बिहार में बड़े खतरे की आशंका बढ़ गई थी।