DELHI: भारत ने एक बार चीन को झटका दिया है. भारत ने बीएसएनएल और एमटीएनएल के 4G टेंडर रद्द कर दिया है. यही नहीं साफ निर्देश दिया गया है कि दोनों कंपनी कोई भी चीनी कंपनी का सामान इस्तेमाल नहीं करेंगी.
नए टेंडर में देश की कंपनियों को मिलेगा मौका
नए टेंडर के बाद मेक इन इंडिया के तहत देश की कंपनियों को इसका फायदा मिलेगा. इन कंपनियों से ही सामान लिया जाएगा. इन दोनों कंपनियों पर पहले भी सबसे अधिक चीन का सामान खरीदने का आरोप पहले से ही लगता रहा है. लेकिन अब दोनों कंपनियों का चीनी सामानों से मोहभंग होगा.
मोनो रेल का टेंडर रद्द
गलवान घाटी में सीमा विवाद के बाद एक बार फिर भारत ने चीन को झटका दिया था.18 जून को एमएमआरडीए ने मोनोरेल रेक्स के लिए नीलामी की प्रक्रिया रद्द कर दी. मोनो रेल को लेकर चीन की दो कंपनियों ने बोली लगाई थी. लेकिन अब भारत ने रद्द कर दिया. रद्द करने के बारे में बताया गया था कि चीनी मैन्युफैक्चरर्स सीएसआर अपलोड करने के बाद भी नियम-शर्तों और पात्रता मानदंडों में संशोधन के लिए लगातार कह रहे थे. लेकिन कंपनी मामने को तैयार नहीं थी. जिसके बाद प्रक्रिया रद्द कर दिया गया है. यह काम मुंबई में होने वाला है.
सबसे पहले रेलवे का टेंडर हुआ था रद्द
गलवान घाटी में विवाद के बाद सबसे पहले रेलवे ने चीनी फर्म बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूटऑफ सिग्नलएंड कम्युनिकेशन कंपनी लिमिटेड के साथ चल रहे कॉन्ट्रैक्ट को रद्द कर दिया था. इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत चीनी कंपनी कानपुर से दीन दयाल उपाध्याय रेलवे सेक्शन के बीच काम कर रही थी. इसके तहत 417 किमी के सेक्शन में सिग्नलिंग और टेलीकॉम का काम दिया गया था. इसका टेंडर 471 करोड़ का था. कंपनी पर लापरवाही का भी आरोप है. बताया जा रहा है कि चीनी कंपनी ने चार साल में मात्र 20 फीसदी ही काम किया था. इसकी काम करने की रफ्तार सुस्त थी. जिसके बाद इस कॉन्ट्रैक्ट को रद्द कर दिया गया.