PATNA: कोरोना संकट के बीच इलाज की व्यवस्था राम भरोसे है. एक पीएमसीएच के डॉक्टर की पत्नी की इलाज के अभाव में मौत हो गई. वह पत्नी को हॉस्पिटल में भर्ती कराने के लिए पटना के कई बड़े हॉस्पिटल का चक्कर लगाए. किसी ने भर्ती नहीं लिया. वह भी तब जब वह कोरोना निगेटिव थी.
बताया जा रहा है कि पीएमसीएच नेत्र रोग विभाग में मेडिकल ऑफिसर डॉ रंजीत की पत्नी की तबीयत खराब हो गई. पत्नी शुगर और बीपी की मरीज थी. उन्हें कुर्जी हॉस्पिटल में भर्ती कराने के बाद बेहतर इलाज के लिए दूसरे हॉस्पिटल ले जाने के लिए डॉक्टरों ने बोला. जहां पर हृदय रोग विशेषज्ञ की सेवा मिल सके. वहां से पाटलिपुत्रा के हॉस्पिल कोरोना टेस्ट कराया. टेस्ट में वह निगेटिव निकली तो ओपीडी में भर्ती किया. लेकिन स्थिति थोड़ी बिगड़ने लगी तो डॉक्टर ने आईसीयू में भर्ती कराने की बात कही.
लगाते रहे चक्कर हो गई मौत
परेशान डॉक्टर पत्नी को लेकर बेली रोड़ के किनारे स्थिति एक बड़े हॉस्पिटल ले गए, लेकिन एक घंटे पूछताछ के बाद भर्ती करने से मना कर दिया. आईजीआईसी आए लेकिन वहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने उन्हें अच्छे सेंटर में ले जाने की सलाह दे दी लेकिन भर्ती नहीं किया. अंत में वह एम्स पहुंचे वहां भी आंधे घंटे तक रोककर रखा गया. पत्नी की गेट पर ही मौत हो गई. डॉक्टर अपने कई सोर्स से संपर्क साधे, लेकिन वह अपनी पत्नी को बचा नहीं पाए. कई से हाथ जोड़कर प्रार्थना भी की. एक उनकी छोटी बेटी है. अब डॉक्टर ने इन हॉस्पिटलों पर कार्रवाई की मांग को लेकर आईएमए को लेटर लिखा है.