DELHI: हैदराबाद के 'हैवानों' को उनके गुनाह की सजा मिलने के बाद से पूरे देश में जश्न का माहौल है. देश के लोगों ने हैदराबाद पुलिस को सलाम किया है. लोगों ने पुलिस एनकाउंटर में आरोपियों के मारे जाने पर खुशी जताई है. कई नेताओं ने एनकाउंटर के पक्ष में पुलिसवालों को सपोर्ट किया है तो कई नेताओं ने इस एनकाउंटर पर सवाल भी खड़े किये हैं.
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एनकाउंटर पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक हर मुठभेड़ की जांच की जानी चाहिए. इसके अलावा कांग्रेस के सीनियर लीडर शशि थरूर ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'न्यायिक व्यवस्था से परे इस तरह के एनकाउंटर स्वीकार नहीं किए जा सकते.' एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, 'हमें और जानने की जरूरत है. यदि क्रिमिनल्स के पास हथियार थे तो पुलिस अपनी कार्रवाई को सही ठहरा सकती है. जब तक पूरी सच्चाई सामने न आए तब तक हमें निंदा नहीं करनी चाहिए. लेकिन कानून से चलने वाले समाज में इस तरह के गैर-न्यायिक हत्याओं को सही नहीं ठहराया जा सकता'.
वहीं सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि गैर-न्यायिक हत्याएं महिलाओं के प्रति हमारी चिंता का जवाब नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि बदला कभी न्याय नहीं हो सकता. सीताराम येचुरी ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप कांड के बाद लागू हुए कड़े कानून को हम सही से लागू क्यों नहीं कर पा रहे हैं. बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने भी इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े किये हैं. उन्होंने कहा कि, 'जो भी हुआ है, वह इस देश के लिए बहुत भयानक हुआ है. आप लोगों को इसलिए नहीं मार सकते क्योंकि आप ऐसा चाहते हैं. आप कानून अपने हाथ में नहीं ले सकते. उन्हें किसी भी तरह से कानून के जरिए ही सजा दी जानी चाहिए थी.'
वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एनकाउंटर को लेकर लोग खुशी जाहिर कर रहे हैं. हालांकि यह भी चिंता का विषय है कि किस तरह से लोगों का क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम से भरोसा उठ गया है. निर्भया केस का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे दुख है कि उन्हें 7 साल हो गए हैं. हमने एक दिन में ही दया याचिका को खारिज कर दिया था. अब मैं राष्ट्रपति जी से अपील करता हूं कि वह भी जल्दी ही इस पर फैसला लें और दोषियों को फांसी के फंदे पर पहुंचाया जा सके.