PATNA : बिहार में लंबे अर्से तक चली नियोजित शिक्षकों की हड़ताल के दौरान तोड़फोड़ और उत्पात मचाने वाले शिक्षकों पर कोई रहम नहीं होगी. राज्य सरकार ने फिर से साफ कर दिया है कि हडताल के दौरान उत्पात मचाने वाले शिक्षकों का निलंबन वापस नहीं होगा. ना ही उन्हें वेतन मिलेगा और ना ही सरकार की ओर से दी जा रही दूसरी सुविधायें.
शिक्षा निदेशक ने लिखा पत्र
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि हड़ताली शिक्षकों को निलंबन मुक्त करने की सक्षम प्राधिकार को अनुशंसा करने से पहले डीईओ चेक कर लें कि वे शिक्षक तोड़फोड़ में तो शामिल नहीं थे. जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस मामले में पूरी तरह से आश्वस्त हो जाना है कि जिनका निलंबन हटाया जा रहा है वे तोड़फोड़ में शामिल नहीं थे. उसके बाद ही निलंबन मुक्ति की अनुसंशा करनी है. बिहार के माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल सिंह ने ये दिशा निर्देश जारी किये हैं.
मुजफ्फरपुर के मामले पर जारी हुआ निर्देश
दरअसल मुजफ्फरपुर के डीईओ ने 10 नियोजित शिक्षकों को निलंबन से मुक्त करने के मामले में राज्य सरकार से दिशा निर्देश मांगा था. हड़ताल के दौरान इन शिक्षकों को जिला परिषद और नगर निगम मुजफ्फरपुर ने निलंबित कर दिया था और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी. डीईओ ने राज्य सरकार को बताया था कि इन शिक्षकों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. तो क्या उन्हें निलंबन से मुक्त कर दिया जाना चाहिये.
मुजफ्फरपुर के डीईओ के पत्र के आलोक में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने पत्र में कहा है कि राज्य सरकार पहले ही इस संबंध में निर्देश दे चुकी है. सरकार ने 21 मई को निलंबन मुक्त करने के लिए भेजे निर्देश में स्प्ष्ट कर दिया था कि हडताल के दौरान तोड़फोड़ और मारपीट में शामिल शिक्षकों को निलंबन मुक्त नहीं करना है.