'हम कोई नार्मल नेता नहीं है' केंद्रीय मंत्री RK सिंह बोले ... PM के सामने रख दिया था इस्तीफा, लेकिन मोदी ने किया मना

'हम कोई नार्मल नेता नहीं है' केंद्रीय मंत्री RK सिंह बोले ...  PM के सामने रख दिया था इस्तीफा, लेकिन मोदी ने किया मना

ARA : भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने अब एक और बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि मैं कोई आलतू फालतू नेता नहीं हूं। मैं अपना इस्तीफा पॉकेट में रख कर चलता हूं। इसलिए मुझें किसी भी चीजों की परवाह नहीं होती है। उन्होंने यह बात एक छात्र संगठन के लोगों से बातचीत करते हुए कहा है। 


दरअसल भोजपुर के सांसद सह केंद्रीय मंत्री आर के सिंह और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के बीच बातचीत के दौरान किसी बातों को लेकर कहा सुनी हो गई। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने विधार्थी परिषद् के छात्रों को जवाब देते हुए कहा कि, वो छोड़िए ना कि कौन क्या करता है। हम नॉर्मल नेता नहीं है। समझ गए न हम नॉर्मल नेता नहीं है। आप कैबिनेट मंत्री की बात करते हैं तो हम जाकर प्रधानमंत्री के सामने इस्तीफा का पेशकश कर आए। आपको मालूम है क्यों, क्योंकि मुझे अपने अपने संसदीय क्षेत्र के विकास को लेकर चिंता है। 


उसके बाद देश के प्रधानमंत्री ने मुझे समझाया और कहा नहीं-नहीं इसे वापस रखिए इसकी कोई जरूरत नहीं है। आपका काम हो जाएगा। इसीलिए कोई मुझे पॉलिटिक्स समझाता है ना तो बहुत गुस्सा आता है। जिसके बाद विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता ने कहा कि, नहीं- नहीं ऐसी बात नहीं है।आप बिल्कुल गलत समझ रहे हैं । जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, अच्छा मैं मूर्ख हूं क्या, या हमको मूर्ख समझ रखे हो क्या सब समझते हैं।


सांसद आरके सिंह ने कहा कि, अपने क्षेत्र में जब भी हम आते हैं लोगों से मिलते हैं। हर बार जितना आदमी हमसे मिलता है उतना किसी सांसद से नहीं मिलता होगा। आप भी आए थे तो हम मिले थे। वही एबीवीपी कार्यकर्ताओं का यह कहना था कि यूनिवर्सिटी तीन खंड में बंट गया है। छात्रों को बहुत परेशानी हो रही है। शाहाबाद से कोइलवर यूनिवर्सिटी चली जाएगी तो छात्रों को और परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। 


आपको बताते चलें कि, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय प्रांगण का है जहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय को तीन खंडों में होने से बचाने की मांग को लेकर स्थानीय सांसद आर के सिंह का रोषपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया। विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं का मांग कृषि विभाग की भूखंड आवंटन कराने के संबंध में था।