ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: बिहार की कोर्ट ने दो दोषियों को सुनाई सजा-ए-मौत, घटना को जघन्य में भी जघन्यतम बताया; क्या है मामला? Bihar Crime News: बिहार की कोर्ट ने दो दोषियों को सुनाई सजा-ए-मौत, घटना को जघन्य में भी जघन्यतम बताया; क्या है मामला? Patna Crime News: पटना में महिला सिपाही की संदिग्ध मौत, कांस्टेबल पति पर हत्या का आरोप Patna Crime News: पटना में महिला सिपाही की संदिग्ध मौत, कांस्टेबल पति पर हत्या का आरोप illegal Bangladeshi in India : भारत में छिपकर रह रहा था बांग्लादेशी नागरिक , कोर्ट ने सुनाई 2.5 साल की सजा! Hate Speech Case: हेट स्पीच मामले में अब्बास अंसारी को दो साल की सजा, रहेगी या जाएगी विधायकी? Hate Speech Case: हेट स्पीच मामले में अब्बास अंसारी को दो साल की सजा, रहेगी या जाएगी विधायकी? India-Pakistan Conflict: "हम योजना बना रहे थे तब तक भारत ने ब्रह्मोस दाग दी", PAK PM ने खोल दी अपनी ही पोल Hate Speech Case: हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने अब्बास अंसारी को ठहराया दोषी, थोड़ी देर में सजा का ऐलान Hate Speech Case: हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने अब्बास अंसारी को ठहराया दोषी, थोड़ी देर में सजा का ऐलान

कुंडली में उम्र से बड़ी महिला से शादी का योग क्या कहता है?

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 22 Dec 2024 11:23:43 PM IST

कुंडली में उम्र से बड़ी महिला से शादी का योग क्या कहता है?

- फ़ोटो

जन्म कुंडली जीवन की अनेक घटनाओं और व्यक्तित्व के पहलुओं को दर्शाती है। यह ग्रहों की स्थिति, उनके आपसी संबंध, और भावों में उनकी उपस्थिति के आधार पर हमारे जीवन की दिशा तय करती है। शादी, जीवनसाथी का चयन, और उनकी उम्र से जुड़े विशेष योग भी कुंडली में ग्रहों के विशेष संयोगों और दशाओं से पहचाने जा सकते हैं।


उम्र से बड़ी महिला से शादी का योग: विशेष ग्रह योग

जब कुंडली में कुछ विशेष ग्रहों की स्थिति और उनके बीच का संबंध बनता है, तो यह संकेत देता है कि व्यक्ति का जीवनसाथी उम्र में बड़ा हो सकता है। आइए, इन योगों को विस्तार से समझते हैं:


1. शनि और शुक्र का विशेष संबंध

शनि: अनुशासन, जिम्मेदारी और स्थिरता का कारक है।

शुक्र: प्रेम, विवाह और आकर्षण का ग्रह है।

यदि शनि और शुक्र का कुंडली में प्रमुख योग बनता है, जैसे कि:

सप्तम भाव (विवाह का भाव) में शनि और शुक्र का संबंध।

शुक्र शनि की दृष्टि में हो।

शनि सप्तम भाव का स्वामी हो और शुक्र के साथ युति या दृष्टि का संबंध बनाए।

यह योग व्यक्ति को ऐसा जीवनसाथी प्रदान कर सकता है, जो उम्र में बड़ा हो और जीवन में परिपक्वता लाए।


2. गुरु और शुक्र का संयोजन

गुरु (बृहस्पति): ज्ञान, अनुभव, और परिपक्वता का प्रतीक है।

शुक्र: प्रेम और आकर्षण का कारक।

जब गुरु और शुक्र की युति या दृष्टि सप्तम भाव में होती है, तो यह योग बनता है।

गुरु का प्रभाव व्यक्ति को उम्र में बड़े और अधिक परिपक्व जीवनसाथी की ओर आकर्षित करता है।


3. चंद्रमा और राहु का दृष्टिकोण

चंद्रमा: मानसिक स्थिति और भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है।

राहु: भ्रम, असामान्यता और असामाजिक घटनाओं का प्रतीक है।

जब चंद्रमा और राहु का संबंध सप्तम भाव या शुक्र के साथ होता है, तो विवाह असामान्य परिस्थितियों में हो सकता है, जैसे उम्र में बड़ा जीवनसाथी।


4. बृहस्पति और शुक्र का सप्तम भाव में संयोजन

यदि सप्तम भाव का स्वामी बृहस्पति और शुक्र के साथ युति में हो, तो उम्र से बड़ा जीवनसाथी मिलने की संभावना अधिक होती है।

यदि पांचवां भाव (प्रेम का भाव) भी इस योग से जुड़ा हो, तो व्यक्ति की प्रेमिका उम्र में बड़ी हो सकती है और बाद में वही पत्नी बन सकती है।


कैसे करें इस योग की पहचान?

इन योगों का सही विश्लेषण करने के लिए कुंडली में ग्रहों की स्थिति, दशाएं, दृष्टियां, और भावों का गहन अध्ययन आवश्यक है।

इस कार्य के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेना उचित रहेगा।


क्या करें?

अगर आपकी कुंडली में ऐसे योग हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। ज्योतिषीय उपाय और परामर्श से आप विवाह संबंधित शुभ परिणाम पा सकते हैं।

नियमित रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करें।

विवाह संबंधित बाधाओं को दूर करने के लिए मंत्र जाप और रत्न धारण जैसे उपाय करें।

ज्योतिष केवल संभावनाएं और संकेत देता है। आपके कर्म और निर्णय जीवन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।