PATNA: बिहार की नीतीश सरकार ने सरकारी स्कूलों के तमाम शिक्षकों को 25 मार्च को स्कूलों में उपस्थित रहने का निर्देश दिया था। सरकार के निर्देश का पालन करते हुए शिक्षक अपने-अपने स्कूल में भी गये। लेकिन इस दौरान उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शरारती तत्वों ने गुरूजी के साथ कुर्ता फाड़ होली खेली। इस दौरान गोबर, कचरा, मिट्टी शिक्षकों के ऊपर फेंक दिया। बिहार के कई जिलों में शिक्षकों के साथ बदसलुकी की गयी।
बेगूसराय में एक शिक्षक ने तो अपनी बाइक में एक स्टीकर लगा दिया था जिसमें यह लिखा हुआ था कि ड्यूटी पर जा रहा हूं भाई कपड़े मत फाड़ना। लेकिन शरारती किस्म के लोग कहां अपनी आदतों से बाज आने वाले थे उन्होंने मास्टर साहब का कुर्ता फाड़ डाला। यह एक जिले की बात नहीं है गुरूजी के साथ ऐसा बर्ताव अमुमन कई जिलों में देखने को मिली। शरारती तत्वों के इस रवैय्ये से शिक्षक काफी गुस्सा हैं।
उनका कहना है कि होली के दिन भी हम लोगों को स्कूल जाना पड़ गया। जाते भी क्यों नहीं सरकार का आदेश था जिसका पालन हमें करना था। लेकिन होली के दिन स्कूल खोलकर सराकर ने शिक्षकों के साथ अन्याय किया है। होली के दिन स्कूल खोलना सरकार की गलत नीति है। कम से कम होली में तो स्कूल नहीं खोलना चाहिए था। कुर्ता फाड़ने के चक्कर में एक शिक्षक का मोबाइल ही टूट गया। जिनका मोबाइल टूटा उनका भी कहना है पर्व त्योहार में स्कूल नहीं खोलना चाहिए था।
स्कूल खुलने से शिक्षकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ गया। सरकार की नीतियों हम विरोध करते हैं। वही शिक्षक नेता का कहना है कि 20 हजार शिक्षकों को आज से एक सप्ताह के लिए प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है। आश्चर्य की बात यह है कि ये सब तब हो रहा है जब बिहार में भाजपा की सरकार है। ये वही भाजपा है जो रक्षा बंधन में छुट्टी नहीं मिलने पर बिहार में सरिया कानून लागू होने की बात करती थी। बिहार में नीतीश कुमार के शासन को तालीबान का शासन होने की बात बीजेपी के नेता करते थे।
शिक्षक नेता ने कहा कि आज भाजपा के तमाम नेता हाथ पर हाथ धरे बैठे है। शिक्षकों के लिए कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं। भाजपा की नीति से नाराज होकर शिक्षक नेता ने कहा कि कहां गये सम्राट चौधरी और गिरिराज सिंह जो हिन्दुओं की रक्षा करने की बात करते हैं आज हिन्दुओं का इतना बड़ा पर्व है लेकिन उनसे होली में स्कूल आने को कहा गया है। शिक्षकों से होली में काम कराया जा रहा है।