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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 28 Oct 2024 07:55:15 PM IST
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DESK: एकतरफा तलाक पर मद्रास हाईकोई ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि बीवी की रजामंदी के बगैर कोई तलाक नहीं ले सकता। यदि मुस्लिम पत्नी तलाक मानने से इनकार करती है तो इसका फैसला कोर्ट से ही होगा। यदि पति दूसरी शादी करता है तो पहली पत्नी को साथ रहने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। पति की दूसरी शादी से यदि पहली पत्नी सहमत नहीं है तो पति को गुजारा भत्ता देना होगा।
एकतरफा तलाक पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया कि यदि मुस्लिम पति तलाक देता है और पत्नी उसे मानने से इनकार करती है, तो कोर्ट के माध्यम से ही तलाक मान्य होगा। कोर्ट को यह संतुष्ट करना होगा कि कानून के अनुसार उसने पत्नी को तलाक दिया है। मुस्लिम पर्सनल लॉ में पुरुषों को एक से अधिक शादी की इजाजत है। यदि पति दूसरी शादी करता है तो पहली पत्नी को साथ रहने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि पति की दूसरी शादी से यदि पहली पत्नी सहमत नहीं है तो पति को गुजारा भत्ता देना होगा।
दरअसल मद्रास कोर्ट में एक पति ने पत्नी को मुआवजा देने के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी। दोनों की शादी 14 साल पहले मुस्लिम रीति रिवाज से हुई थी। शादी के 7 साल बाद पत्नी ने घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी। मजिस्ट्रेट ने 5 लाख रूपये मुआवजा और बच्चे के भरण-पोषण के लिए ढाई हजार रुपये प्रतिमाह देने का निर्देश पति को दिया था। लेकिन पति मुआवजा देने के आदेश के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर कर दी। जिस पर आज कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया।