PATNA: सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में देवी मंदिर में पूजा-अर्चना करने निकले थे. सीएम का इंतजार करते पत्रकारों ने उन्हें रोका और पूछा-कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने इस्तीफा दे दिया है. अचानक से नीतीश कुमार के तेवर बदले. हाथ झाड़ते हुए नीतीश बोले-कोई फर्क नहीं पड़ता, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. एक लाइन बोलने के बाद नीतीश अपनी गाड़ी में बैठे और निकल गये. बिहार के एक कैबिनेट मंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हुए इस्तीफा दे दिया. पूरे देश में चर्चा हो रही है और मुख्यमंत्री हाथ झाडते हुए निकल गये मानो कुछ हुआ ही नहीं है.
अब आपको कुछ दिन पुरानी घटना ही याद दिलाते हैं. ज्यादा दिनों की बात नहीं है जब भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कैबिनेट की बैठक में नीतीश कुमार औऱ सुधाकर सिंह में भिड़ंत हो गयी थी. सुधाकर सिंह ने तब कहा था कि बिहार के कृषि विभाग में सब चोर बैठे हैं और वे चोरों के सरदार हैं. नीतीश ने सुधाकर सिंह को टोका तो वे भड़क गये. सुधाकर कैबिनेट की बैठक में फाइल पटक कर चलते बने थे. अगले दिन मीडिया ने नीतीश कुमार से इस मसले पर सवाल पूछा था. नीतीश के तेवर दीन-हीन के माफिक था. वे बोले-हम तो पूछना चाह रहे थे कि क्या शिकायत है लेकिन वे बात सुने ही नहीं औऱ चले गये. कैबिनेट के और लोगों ने भी समझाया लेकिन वे नहीं माने.
कैसे बदल गया नीतीश का बॉडी लैंग्वेज
अब सवाल ये उठ रहा है कि सुधाकर सिंह के मसले पर नीतीश का बॉडी लैंग्वेज कुछ ही दिनों में कैसे बदल गया. मसला सिर्फ इतना ही नहीं है. 17 सालों से बिहार में राज कर रहे नीतीश कुमार के कैबिनेट से कई मंत्री पहले भी इस्तीफा दे चुके हैं. लेकिन नीतीश कुमार का पहले कभी ऐसा बॉडी लैंग्वेज नहीं दिखा. सुधाकर सिंह के मामले में नीतीश ने ये भी कहने की औपचारिकता निभायी कि मंत्री ने खुद इस्तीफा दिया था. पत्रकारों ने सुधाकर पर सवाल पूछा गया तो नीतीश ने ऐसे रिएक्ट किया मानो सुधाकर सिंह औऱ उनके मुद्दों का कोई अस्तित्व ही नहीं है.
लालू-तेजस्वी ने दिया आत्मविश्वास
हमने राजद और जेडीयू के कई सीनियर नेताओं से बात कर नीतीश के बदले बॉडी लैंग्वेज का राज जानने की कोशिश की. जवाब वही मिला जो पहले से ही फर्स्ट बिहार बता रहा है. दोनों पार्टियों के नेताओं ने बताया कि सुधाकर सिंह को लेकर नीतीश का रिएक्शन लालू यादव और तेजस्वी यादव की देन है. कैबिनेट की बैठक में जब सुधाकर सिंह नीतीश कुमार से भिड़ गये थे तब तक नीतीश को ये पता नहीं था कि लालू-तेजस्वी उनका सपोर्ट करेंगे या नहीं. इसलिए नीतीश लाचार के माफिक दिखे.
लेकिन सुधाकर सिंह के त्याग पत्र तो खुद लालू-तेजस्वी ने मांगा था. राजद के एक सीनियर नेता ने बताया कि लालू हों या तेजस्वी किसी सूरत में ये नहीं चाहते कि 2023 में सीएम बनने के सपने पर कोई ग्रहण लगे. इसके लिए सुधाकर क्या दर्जनों औऱ नेताओं की बलि चढ़ानी पडे तो वे उसके लिए तैयार हो जायेंगे. सुधाकर सिंह सीएम के उसी सपने की भेंट चढ़े हैं. लिहाजा नीतीश कुमार टेंशन क्यों लें.