DESK : सुहागिन महिलाओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है हरतालिका तीज. यह व्रत शादीशुदा महिलाओं के लिए बेहद खास माना जाता है. इस दिन महिलायें अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती हैं. वहीं कुंवारी लड़कियां भी इस दिन व्रत रखती हैं ताकि उन्हें अच्छा पति मिले. इस दौरान महिलाएं पूरे दिन अन्न जल त्यागकर माता गौरी और भगवान शिव की पूजा करती हैं.
हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार यह व्रत हर साल भादो माह की शुक्ल पक्ष तृतीया को आता है. लेकिन इस बार हरतालिका तीज को लेकर महिलाएं असमंजस में हैं क्योंकि कृष्ण जन्माष्टमी की तरह हरतालिका तीज की तिथि भी दो दिनों की हैं. कुछ लोग 1 सितम्बर तो कुछ लोग 2 सितम्बर को व्रत रखने की सलाह दे रहे हैं. इसको लेकर महिलाएं असमंजस में हैं कि आखिर किस दिन हरतालिका तीज का व्रत रखा जाना चाहिए.
किस दिन रखें हरतालिका तीज का व्रत
कृष्ण जन्माष्टमी की तरह इस बार हरतालिका तीज की तिथि को लेकर महिलाएं उलझन में है. इतना ही नहीं पंचांग के जानकार और ज्योतिषियों में भी इस बात को लेकर मतभेद है. कुछ लोगों का कहना है कि 1 सितम्बर को ही व्रत रखना शुभ है क्योंकि पूरे दिन हस्त नक्षत्र और तृतीया रहेगी. वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि 2 सितंबर को सूर्योदय के बाद चतुर्थी लग जाएगी इसलिए तृतीया तिथि का व्रत मान्य नहीं होगा.
साथ ही तर्क यह भी है कि जो महिलाएं 1 सितंबर को व्रत रखेंगी उन्हें 2 सितंबर को सुबह हस्त नक्षत्र में ही व्रत का पारण करना पड़ेगा जबकि हस्त नक्षत्र में पारण करना शुभ नहीं होता. वहीं अगर महिलाएं 2 सितंबर को व्रत रखती हैं तो वे 3 सितंबर को चित्रा नक्षत्र में व्रत का पारण करेंगी और पुराणों में चित्रा नक्षत्र में व्रत का पारण करना शुभ माना गया है. इस लिहाज़ से 2 सितम्बर को हरतालिका तीज का व्रत शुभ होगा.