DELHI: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव द्वारा गुजरातियों को लेकर विवादित टिप्पणी करने के मामले में सोमवार को सुप्रीम में सुनवाई हुई। तेजस्वी यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने आगामी 29 जनवरी तक के लिए सुनवाई को स्थगित कर दिया।
दरअसल, तेजस्वी यादव ने 22 मार्च 2023 को बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए गुजरातियों को ठग कहा था। तेजस्वी ने कहा था कि ‘वर्तमान में जो हालात हैं उसे देखा जाए तो सिर्फ गुजराती ही ठग होते हैं और उनको माफ भी कर दिया जाता है। तेजस्वी ने ये बातें उस वक्त कही थीं जब बैंकों का पैसा लेकर भागने वाले हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का नाम इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस से हटा दिया गया था।
तेजस्वी यादव के इस बयान पर हरेश मेहता नाम के शख्स ने गुजरात की कोर्ट मानहानि का केस दर्ज कराया था। शिकायत दर्ज कराने वाले हरेश मेहता ने कहा था कि, उन्होंने समाचार चैनल के माध्यम से तेजस्वी यादव को गुजरातियों के खिलाफ बयान देते हुए सुना और गुजराती होने के नाते उन्होंने भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए मानहानि का केस किया है। हरेश मेहता ने 21 मार्च को आईपीसी की धारी 499 और 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।
तेजस्वी यादव ने अहमदाबाद की अदालत में लंबित आपराधिक मानहानि केस को गुजरात के बाहर किसी भी स्टेट या दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की है। तेजस्वी यादव क तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता के वकील द्वारा समय मांगने के बाद न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने मामले को स्थगित कर दिया।
तेजस्वी की याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि, 'जब उन्होंने बयान वापस ले लिया है तो अभियोजन क्यों जारी रखा जाना चाहिए। आप निर्देश मांगें अन्यथा हम अनुच्छेद 142 के तहत शक्तियों का प्रयोग करेंगे।' शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि, 'प्रतिवादी के वकील ने याचिकाकर्ता द्वारा 19 जनवरी को दायर किए गए बयान पर निर्देश लेने के लिए समय मांगा है। कोर्ट ने अगले सोमवार यानी 29 जनवरी को केस को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।