GOPALGANJ : गोपालगंज में बाढ़ का खतरा एक बार फिर मंडराने लगा है. यहां नेपाल में भारी बारिश की वजह से गंडक का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. जिसकी वजह से बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. वाल्मीकि नगर बराज द्वारा साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के कारण बैकुंठपुर के पकहा मुख्य सारण बांध और बरौली के देवापुर तटबंध के टूट गया है. बांध और तटबंध टूटने की वजह से गंडक नदी का तेज बहाव एनएच 28 की तरफ बढ़ रहा है.
जिला प्रशासन के द्वारा सारण बांध के किनारे बसे गांव में माइकिंग कराई जा रही है. लोगों का अलर्ट किया जा रहा है कि वे लोग फिर से ऊंचे स्थान पर चले जाए. इस बांध के टूटने से गोपालगंज के अलावा सीवान और छपरा भी प्रभावित होगा. आपको बता दें कि बीते 23 जुलाई को 11 जगहों पर सारण बांध और छरकी टुटा था. जिसमें सबसे ज्यादा बाढ़ से तबाही बरौली, मांझा, सिध्वलीय और बैकुंठपुर में हुई थी. प्रखंड के कई गावों में बाढ़ के पानी ने चारों तरफ तबाही मचा दिया था. कई गांव के मुख्य सड़क पानी के तेज बहाव होने से टूट गए थे और सड़क के टूटने और पानी के तेज बहाव से आवागमन ठप हो गया था.
अभी टूटे हुए बांध के मरम्मती का कार्य चल ही रहा था कि फिर दोबारा बैकुंठपुर के पकहा मुख्य सारण बांध और बरौली के देवापुर तटबंध टूट गया. जिससे बाढ़ का खतरा फिर से मंडराने लगा है और ग्रामीणों में फिर से दहशत का माहौल हो गया है. पूर्व विधायक मंजीत सिंह ने कहा कि तटबंध टूटने के कारण बाढ़ का पानी तेजी से गांव में प्रवेश कर रहा है जिससे सभी लोगों में भय का माहौल है और चिंतित है.
वहीं इस मामले में सदर एसडीएम उपेन्द्र पाल ने कहा कि पिछले बार जिले में कई जगह सारण बांध टूटा था. उसकी मरम्मती का कार्य अभी चल ही रहा था कि फिर दोबारा गंडक में जलस्तर बढ़ने के कारण दो जगह बांध टूट गया है. सभी बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि वे लोग पिछले बार जहां शरण लिए थे वहीं चले जाए .