गिरिराज के 'बाय-बाय PFI' कहने पर बोले बलियावी..कहा- जब जनता हिसाब मांगेगी पायी-पायी तब याद आएगा राजनीति से बाय-बाय

गिरिराज के 'बाय-बाय PFI' कहने पर बोले बलियावी..कहा- जब जनता हिसाब मांगेगी पायी-पायी तब याद आएगा राजनीति से बाय-बाय

PATNA: भारत में 5 वर्षों के लिए PFI पर प्रतिबंध लगाया गया है। पीएफआई पर रोक लगने के बाद बिहार में सियासत तेज हो गयी है। केंद्र सरकार के इस फैसले का जहां बीजेपी स्वागत कर रही है वहीं सत्ताधारी दल इस पर सवाल उठा रहा है। जेडीयू के पूर्व एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि अगर PFI को बैन किया गया है तो आरएसएस को भी बैन करना चाहिए। देश की आजादी की लड़ाई के समय आरएसएस कहां थी। आरएसएस का रजिस्ट्रेशन है या नहीं और इनकम का सोर्स क्या है यह भी बताना चाहिए। बीजेपी नेता गिरिराज सिंह के 'बाय-बाय PFI' कहने पर गुलाम रसूल बलियावी ने हमला बोलते हुए कहा कि घबराइये नहीं जब जनता हिसाब मांगेगी पायी-पायी तब याद आएगा राजनीति से बाय-बाय।


बीजेपी नेता गिरिराज सिंह पर हमला बोलते हुए बलियावी ने कहा कि बाय-बाय इसलिए कर रहे हैं कि उन्हें 2024 का दृश्य अभी से दिखने लगा है जब देश का युवा से बीजेपी के नेता वोट मांगने जाएंगे तब क्या मुंह लेकर जाएंगे। देश की जनता जब हिसाब मांगेगी पायी-पायी तब याद आएगा राजनीति से बाय-बाय। बीजेपी पर हमला बोलते हुए बलियावी ने कहा कि कही बीजेपी वही खेल तो नहीं खेल रही है जो कोरोना के समय तब्दिगी जमात वाला चला था। हफ्ता दिन तक चलते रहा क्या हुआ। 


उन्होंने कहा कि पीएफआई पर यदि बैन लगाना था तो इससे पहले जनता के बीच पूरा डॉक्यूमेंट लाना चाहिए था कि पीएफआई का क्या कसूर है कहां देशद्रौह का काम पीएफआई ने किया है और किस-किस देश से अवैध पैसे आए। दूसरा यह भी बताना चाहिए कि आरएसएस का रजिस्ट्रेशन है कि नहीं। आरएसएस की फंडिग कहां से होती है। आरएसएस का बैंक अकाउंट किसके नाम से है। आरएसएस का टर्न ओवर क्या है।


एक तरह लोग जीएसटी, महंगाई और बेरोजगारी से परेशान है दूसरी ओर देश के बहुसंख्यक कम्युनिटी के युवाओं को धोखा देने के लिए पीएफआई जैसी बाते की जा रही है। जरा आरएसएस पर भी बोलना चाहिए था। आरएसएस पर भी बैन की बात करनी चाहिए थी। इससे पहले लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल आरएसएस पर बैन की बात कर चुके हैं। यह इसलिए कि वे देश की आजादी के योद्धा थे। उन्होंने देखा था कि आरएसएस देश के स्वतंत्रता सेनानियों के साथ नहीं था अंग्रेजों के साथ था। आरएसएस का रजिस्ट्रेशन और सोर्स ऑफ इनकम भी केंद्र की सरकार को बताना चाहिए। आरएसएस के लोग देश की सरहद पर लड़ने गये थे कि नहीं यह भी बताना चाहिए।