PATNA: पिछले 10 दिनों से हर जिले में नीतीश के दूत घूम रहे थे. वे अपनी ही पार्टी के उन नेताओं के घर पहुंच रहे थे जिनके नाराज होने का अंदेशा था. ऐसे नेताओं को नीतीश कुमार का संदेश दिया जा रहा था-19 और 20 फरवरी को पटना हरगिज नहीं जाना है. नीतीश जी ने खुद ये संदेश भेजा है. जेडीयू के नेताओं ने पिछले 10 दिनों में बिहार के हर जिले में ऐसे सैकड़ो नेताओं के घर पर दस्तक थी. पहले नीतीश कुमार का मैसेज देकर समझाने की कोशिश की गयी और फिर नहीं मानने पर कार्रवाई की चेतावनी।
लेकिन ऐसी तमाम कोशिशों के बावजूद उपेंद्र कुशवाहा ने आज पटना में अच्छी खासी भीड़ जुटा ली. कुशवाहा ने पटना के सिन्हा लाइब्रेरी में जेडीयू के कार्यकर्ताओं-नेताओं को बुलाया था. किसी के आने जाने के लिए गाड़ी या दूसरी कोई व्यवस्था नहीं की गयी थी. फिर भी इतने लोग पहुंचे कि सिन्हा लाइब्रेरी परिसर छोटा पड़ गया. फर्स्ट बिहार की टीम ने वहां पहुंचे लोगों की संख्या का आकलन किया तो पाया कि कम से कम पांच हजार लोग उपेंद्र कुशवाहा की बैठक में शामिल होने पहुंचे. बता दें कि बागी तेवर दिखा रहे उपेंद्र कुशवाहा ने खुला पत्र लिखकर राज्य भर के जेडीयू कार्यकर्ताओं को 19-20 फरवरी पटना बुलाया है. ताकि राजद के साथ नीतीश की डीलिंग का विरोध किया जा सके।
दरक गया नीतीश का आधार समीकरण
फर्स्ट बिहार की टीम ने उपेंद्र कुशवाहा की बैठक में आये दर्जनों लोगों से बात की. उनकी बात से एक बात को साफ दिखी. नीतीश कुमार का लव-कुश समीकरण बुरी तरह दरक गया है. बैठक में आये लोगों के तेवर साफ थे-इस सरकार ने कुशवाहा जाति के साथ धोखाधड़ी की है. ये दीगर बात है कि कुशवाहा ने अपनी बैठक के मंच पर नीतीश कुमार की तस्वीर लगा रखी थी. लेकिन दिन भर चली बैठक में नीतीश कुमार ही निशाने पर रहे. बैठक में जितने लोग बोले उनमें से ज्यादातर ने राजद के सामने नीतीश कुमार के नतमस्तक होने पर गहरा एतराज जताया।
अच्छी खासी तादाद में पार्टी के पदाधिकारी पहुंचे
खास बात ये भी रही कि उपेंद्र कुशवाहा की बैठक में जेडीयू के पदाधिकारी भी ठीक-ठाक संख्या में पहुंचे. पार्टी के कम से कम पांच प्रदेश उपाध्यक्ष इस बैठक में मौजूद थे. कई प्रदेश महासचिव के साथ साथ जिला स्तर के भी कई जेडीयू पदधारक बैठक में मौजूद थे. कुशवाहा समर्थकों का दावा था कि बैठक में आने वाले एक हजार से ज्यादा ऐसे लोग थे जो प्रदेश से लेकर जिला औऱ प्रखंड जेडीयू के पदाधिकारी हैं. उनका दावा ये भी था कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो बैठक में नहीं पहुंच पाये हैं लेकिन उपेंद्र कुशवाहा के साथ रहने का भरोसा दिलाया है।
आगे क्या करेंगे कुशवाहा?
आज की बैठक में उपेंद्र कुशवाहा दिन भर अपने समर्थकों का भाषण सुनते रहे. वे सोमवार को बैठक में बड़ा मैसेज देंगे. वे पहले ही कह चुके हैं कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाने के नीतीश के फैसले का विरोध करेंगे. तेजस्वी यादव बिहार में जंगलराज लौटायेंगे और ये जेडीयू के किसी कार्यकर्ता को स्वीकार नहीं है. लेकिन कुशवाहा फिलहाल पार्टी नहीं छोड़ेंगे. वे इस बात का इंतजार करेंगे कि नीतीश कुमार उन्हें पार्टी से निकालें. तब तक वे जेडीयू में रह कर राजद के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे।
उपेंद्र कुशवाहा पूरे राज्य में दौरा कर सारे जिलों में जेडीयू कार्यकर्ताओं को गोलबंद करने की भी प्लानिंग कर चुके हैं. ये जगजाहिर है कि राजद से नीतीश की दोस्ती के बाद उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं का बडा तबका नाराज है. अगर कुशवाहा उन्हें गोलबंद करने में सफल हो जाते हैं तो फिर नीतीश की सियासत सिर्फ एक जाति के सहारे बची रह जायेगी. वैसे उपेंद्र कुशवाहा की योजना कहां तक सफल हो पाती है ये जानने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।