GAYA: क्वॉरेंटाइन सेंटर की कुव्यवस्था देख प्रवासी मजदूरों ने खुद क्वॉरेंटाइन सेंटर बना दिया. खुद ही साफ सफाई करते औ खाना बनाते हैं. गांव के लोग और घरवालों अनाज दें रहे हैं. गया जिले के पिछुलिया गांव के स्कूल में हरियाणा से आये 40 प्रवासी मजदूरों रह रहे हैं.
पिछले 9 दिन पहले सभी 40 मजदूरों ने वाहन को रिजर्व कर डुमरिया पहुंचा. उसके बाद सभी ने आईटीआई क्वॉरेंटाइन सेंटर पर जांच के लिए पहुंचे तो वहां के प्रभारी ने बताया कि ठहरने का जगह नहीं है घर चले जाइये कुछ दिन बाद जांच कराने आना. उसके बाद फिर दूसरा क्वॉरेंटाइन सेंटर पर सभी लोगों ने गया तो देखा कि वहां जगह नहीं है और जो पहले से रह रहे हैं उसी में रहने को बताया गया.
कोरोना के डर से सभी मजदूर पहाड़ को पार करते हुए गांव पहुंच गए तो गांव में प्रवेश करते ही ग्रामीणों ने विरोध किया. उसके बाद सभी के परिजनों ने सूखा राशन देकर निकाल दिया. फिर प्रवासी मजदूरों ने गांव के बाहर स्कूल को अपना क्वॉरेंटान सेंटर बनाया. खुद सोशल डिस्टेंस का पालन करते दिखे खाने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि और समाजसेवियों के द्वारा राशन मुहैया कराया गया. लेकिन स्कूल के छत पर ग्रामीण कुछ काम करते दिखे जिससे पूरे गांव में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है चुकी सभी 40 मजदूरों का मेडिकल जांच नहीं की गई है.
इसके बारे में उपविकास आयुक्त किशोरी चौधरी ने बताया कि उनकी मर्जी है कहां उनलोग ठहरेंगे. लेकिन हमने उन मजदूरों को वापस क्वॉरेंटाइन सेंटर में लाने के लिए बीडीओ को आदेश दिया गया है. चुकी सभी लोग घर के पास रहना चाहते है जो संभव नही हैं. क्वॉरेंटाइन सेंटर में काफी जगह है और वहां महाराष्ट्र, दिल्ली और सूरत से आये मजदूरों के लिए अलग अलग कमरा बनाया गया. नए पुराने मजदूरों को एक साथ नहीं रखा जा रहा है.