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गरीब संपर्क यात्रा के दौरान अरवल की जनता से बोले मांझी, मेरे बेटे को बनाए मुख्यमंत्री

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 16 Feb 2023 09:28:10 PM IST

गरीब संपर्क यात्रा के दौरान अरवल की जनता से बोले मांझी, मेरे बेटे को बनाए मुख्यमंत्री

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ARWAL: गरीब संपर्क यात्रा के दौरान अरवल पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जिले के अलग-अलग जगहों पर महादलित टोला के बस्तियों पर नुक्कड़ सभा के माध्यम से लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने लोगों से अपने बेटे संतोष सुमन को मुख्यमंत्री बनाने की अपील की। अरवल प्रखंड परिसर में भीमराव अंबेडकर के मूर्ति पर माल्यार्पण के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि इस सरकार में दलितों गरीबों की उपेक्षा हुई है। इस सरकार में गरीबों का जितना विकास होनी चाहिए उतना विकास नहीं हुआ हैं।


जीतन राम मांझी ने अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने की अपील अरवल की जनता से की है। मांझी ने कहा कि उनके बेटे और बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन पढ़े लिखे व्यक्ति हैं। उन्हें मुख्यमंत्री बनना चाहिए। वैसे तो मुख्यमंत्री पद के लिए कई लोगों का नाम आता है लेकिन उनके बेटे का नाम नहीं लिया जाता। वैसे संतोष सुमन लोगों को वह पढ़ा भी सकते है। संतोष सुमन ने नेट कंप्लिट किया है। वे प्रोफ़ेसर हैं लेकिन अफसोस की बात यह है कि वे भुईया जाति से आते है। गरीबों के दलितों की आबादी 90 फ़ीसदी है। इसीलिए हम संतोष सुमन को मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात कर रहे हैं। वहीं बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन ने पिता जीतनराम मांझी के इस मांग पर कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है मैं मुख्यमंत्री का उम्मीदवार नहीं हूं। जनता का प्यार सम्मान पाने के लिए और ऊर्जा के साथ काम करूंगा।


शराबबंदी पर पिता का बयान से कोई वास्ता नहीं

बिहार सरकार के अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री संतोष सुमन ने शराबबंदी को लेकर जीतन राम मांझी के दिए गए बयानों से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि मांझी के बयान निजी बयान है उनके बयानों से कोई वास्ता नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी को और सख्ती से लागू करवाएं ताकि पर्दे के पीछे खेल करने वाले लोग पकड़े जाएं। उन्होंने कहा कि शराबबंदी अच्छी चीज है उसे लागू रहना चाहिए। शराबबंदी की वजह से गरीब लोग अपने बच्चों को उसी पैसे से पढ़ा लिखाकर आगे बढ़ा रहे हैं जिससे उनका आर्थिक विकास हो रहा है।


रामचरित मानस में तुलसीदास ने नारी का किया अपमान

रामचरित्र मानस विवाद पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि जो लोग राम चरित्र मानस का विरोध करते हैं वह महा मूर्ख लोग हैं। रामचरितमानस जैसा महाकाव्य कोई नहीं हो सकता है। लेकिन रामचरितमानस के रचयिता तुलसीदास जी ने रामायण के आधार पर रामचरितमानस का गठन हुआ। रामचरितमानस में तुलसीदास जी चाहे जो बात घुसा दिये हो लेकिन उसमें कई अच्छी-अच्छी बातें भी है। लेकिन 50 फ़ीसदी आबादी को प्रतिनिधित्व करने वाली महिलाओं के बारे में रामचरित मानस में गलत लिखा गया है जो नारी का अपमान करता है।


अरवल में जीतनराम मांझी ने कहा कि बहुत सी बात प्रतिकात्मक होती है। जब तक हमारे समाज का प्रतिनिधित्व नहीं होगा तब तक इस समाज का विकास नहीं हो सकता। आज संतोष का नाम इसलिए लेते हैं कि वे युवा हैं पढ़े लिखे हैं किसी को भी पढ़ा सकते हैं। लेकिन भुईया जाति से आने के कारण उन्हें मौका नहीं मिलता है। 90 प्रतिशत आबादी वाले लोगों का नेतृत्व नहीं होगा तो किसी दूसरे का नेतृत्व कैसे होगा इसलिए संतोष को मुख्यमंत्री के रुप में प्रेषित कर रहे हैं।


वही उनके बेटे संतोष सुमन का कुछ और ही कहना है। पिता के इस मांग पर उन्होंने कहा कि हमलोग इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। ऐसी कोई बात नहीं है हम मुख्यमंत्री के उम्मीदवार नहीं है हमलोग एक कार्यकर्ता के तौर पर रहते है। जनता के बीच में रहना चाहते हैं उनका प्यार और सम्मान पाना चाहते हैं। लोगों का प्यार और सम्मान हमें मिल रहा है। हमलोग और ऊर्जा के साथ उनकी सेवा में लगे रहेंगे।