PATNA : पटना में इस बार दुर्गा पूजा में मूर्ति विसर्जन को लेकर प्रशासन ने कई कड़े नियम बनाये थे. गंगा को प्रदूषण से बचाया जा सके इसके लिए कृत्रिम तालाब की व्यवस्था की गई थी. इसके अलावा घाटों पर मजिस्ट्रेट को भी तैनात किया गया था. लेकिन फिर भी प्रशासन की सारी सख्ती फेल हो गई है. लाख कोशिशों के बाद भी गंगा में मूर्ति विसर्जन किया गया. अब प्रशासन ऐसे लोगों की तलाश में है जिन्होंने गंगा में मूर्ति विसर्जन किया है. उन लोगों पर FIR दर्ज कराने का आदेश दिया गया है.
आपको बता दें कि गंगा को प्रदूषण से बचाने को लेकर मूर्ति विसर्जन के लिए घाटों पर कृत्रिम तालाब बनाए गए थे. इन तालाबों में गंगा का पानी डाला गया था और इसी में मूर्तियों का विसर्जन करना था. इसके लिए हर घाट पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई थी. जिस तरह से नियम बनाकर सख्ती दिखाई गई, उस हिसाब से घाटों पर तैनात मजिस्ट्रेट ने ध्यान नहीं दिया. पटना के दीघा घाट, जनार्दन घाट और पटना सिटी के घाटों पर सबसे अधिक मूर्ति विसर्जन किया गया है.
प्रशासन का कहना है कि मूर्ति विसर्जन करने वालों की ओर से जानबूझकर मनमानी की गई है. अधिकतर लोगों ने मूर्ति का विसर्जन कृत्रिम तालाब में किया है, लेकिन कुछ लोगों द्वारा जानबूझकर मूर्ति विसर्जन में सरकारी आदेश और निर्धारित मानक का उल्लंघन किया गया है. पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी को ऐसे लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराने के साथ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है.