PATNA: गंगा नदी में ऊफान तेज हो गया है। जिसके कारण दीघा से लेकर पटना सिटी तक के गंगा घाटों पर जलस्तर पहले से काफी बढ़ गया है।पटना के गुलबी घाट में तो विद्युत शवदाह गृह के पास पानी पहुंच चुकी है। जिसके कारण विद्युत शवदाह गृह के मशीनों को बंद कर दिया गया है। वही गुलबी घाट में सीमेंट से बने अंत्येष्ठि स्थल भी पानी के बीच आ जाने से गुलबी घाट पर शव को जलाने में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोग किसी तरह से यहां शव का दाह संस्कार कर रहे हैं।
गंगा नदी अब धीरे-धीरे शहर की ओर बढ़ रही है। दीघा घाट, एलसीटी घाट, बांस घाट, अंटाघाट, कृष्णा घाट, रानी घाट, भद्र घाट, कंगन घाट सहित पटना के सभी घाटों पर पानी चढ़ गया है। हर जगह अमूमन यही स्थिति देखी जा रही है। पटना के गुलबी घाट की स्थिति ऐसी हो गयी है कि शव के दाह संस्कार के लिए भी अब लोगों को सोचना पड़ रहा है। चारों ओर पानी ही पानी होने की वजह से लोग सही से दाह संस्कार भी नहीं कर पा रहे हैं।
गुलबी घाट में सीमेंट से बने अंत्येष्ठि स्थल भी पानी के बीच आ गया है जिससे शव को लकड़ी से जलाने में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वही गुलबी घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह के पास भी पानी आ गया है। जिसके कारण विद्युत शवदाह गृह के मशीनों को पानी को देखते हुए फिलहाल बंद कर दिया गया है। विद्युत शवदाह गृह के बंद होने से लोगों की समस्याएं और बढ़ गयी है। इसके बावजूद किसी तरह से यहां शव का दाह संस्कार कर रहे हैं।
राजधानी पटना में कई सालों के बाद बाढ़ का संकट इतना ज्यादा करीब नजर आ रहा है। गंगा नदी के किनारे बनी पटना की सुरक्षा दीवार को गंगा पार कर गई है। गंगा के जलस्तर में पिछले 24 घंटे में 17 सेंटीमीटर का इजाफा हुआ है और अब नदी खतरे के निशान से 116 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।
पटना के सभी गंगा घाटों को अब पूरी तरीके से बंद करना पड़ा है। पटना के दीघा घाट पर गंगा का जलस्तर 51.02 मीटर से ऊपर है। यहां खतरे का रिचार्ज 50.45 मीटर है। गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर 49.76 मीटर है जबकि यह खतरे का निशान 48.60 मीटर है. इसी तरह हाथीदह में गंगा का जलस्तर 42.85 मीटर है. यह खतरे का निशान 41.46 मीटर है।
गंगा के बढ़ते जलस्तर और राजधानी पटना पर मंडराते बाढ़ संकट को देखते हुए जल संसाधन विभाग अलर्ट मोड में आ गया है। जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा है कि विभाग के सभी अधिकारियों और इंजीनियरों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
गंगा के बढ़े हुए जलस्तर के कारण पटना से गंगा में मिलने वाले सभी नालों के गेट बंद कर दिए गए हैं। इन नालों के जरिए पटना में पानी प्रवेश करने का खतरा बढ़ा हुआ है। पटना के एलसीटी घाट, कुर्जी घाट समेत दीघा के कई इलाकों में पानी का फैलाव देखने को मिला है।
बाढ़ के संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना के बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने दीघा घाट से लेकर पटना सिटी के विभिन्न गंगा घाटों का निरीक्षण किया। इस दौरान वे पटना सिटी के कंगन घाट भी गये जहां बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश भी दिए। पटना के डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक के गंगा के जलस्तर की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। जिला प्रशासन किसी भी आपात स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार है। मंगलवार को गंगा में 9.14 लाख क्यूसेक के पानी का प्रवाह रिकॉर्ड किया गया है।