गांधी मैदान के बदले मिलर हाईस्कूल मैदान में होगी CPI की रैली, नीतीश -तेजस्वी समेत कई नेता रहेंगे मौजूद

गांधी मैदान के बदले मिलर हाईस्कूल मैदान में होगी CPI की रैली, नीतीश -तेजस्वी समेत कई नेता रहेंगे मौजूद

PATNA : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की रैली 2 नवंबर को पटना के वीरचंद पटेल पथ स्थित मिलर हाई स्कूल के मैदान में होगी। शुरूआती दौर में इसको लेकर काफी विवाद चल रहा था। पहले यह रैली पटना के गांधी मैदान में होनी थी। इसकी तैयारी काफी आगे बढ़ चुकी थी।  सीपीआई ने इसके लिए आवेदन दिया था, लेकिन अचानक से  गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम तय किया गया। जिसके बाद अब सीपीआई ने प रैली की जगह बदल दी है।


दरअसल, सीपीआई के नेता चाहते थे कि रैली गांधी मैदान में ही हो। इसको लेकर उन लोगों ने पर्ची कटा लिया था, 500 का रसीद कटाया था और पूरा पैसा देने का जब समय आया तब जानकारी मिली कि 2 नवंबर को शिक्षा विभाग का कार्यक्रम प्रस्तावित हो गया है। ऐसे में गांधी मैदान को आवंटन करने का नियम है कि यदि सरकार का कोई बड़ा कार्यक्रम आता है तो आपके कार्यक्रम की अनुमति रद्द कर दी जाएगी, यही हुआ उनके साथ और अब उन्हें रैली के लिए मिलर हाई स्कूल का मैदान उपलब्ध कराया गया है। 


वहीं, सीपीआई की रैली गांधी मैदान में न होकर मिलर हाई स्कूल में किए जाने को लेकर  नेताओं-कार्यकर्ताओं में मायूसी है। उनका कहना है कि गांधी मैदान और मिलर हाई स्कूल ग्राउंड में आसमान - जमीन का अंतर है। कई माह पहले से इसकी सूचना पार्टी ने दे दी थी कि गांधी मैदान में रैली करेंगे। पोस्टर आदि छपने के बाद अब गांधी मैदान में जगह नहीं मिलने से थोड़ी समस्या हो रही है। 


बताया जा रहा है कि, इस रैली में बिहार के सभी 38 जिलों से लोग बड़ी संख्या में पटना आ रहे हैं। रैली के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी आमंत्रित किया गया है। इसके साथ ही महागठबंधन के अन्य नेता भी मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की केन्द्रीय कमिटी के कई नेता रैली मे आने वाले हैं। 


आपको बताते चलें कि, इस रैली में पार्टी के महासचिव डी. राजा, सचिव अतुल कुमार अंजान, अमरजीत कौर, रामकृष्ण पांडा, नागेन्द्रनाथ ओझा, रमेन्द्र आदि की नेता इसमें भाग लेंगे।रैली का सबसे बड़ा मुद्दा भाजपा हटाओ, देश बचाओ है। 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले सीपीआई अपनी ताकत रैली के जरिए दिखाना चाहती है।