PATNA : बिहार समेत देशभर में आज 11 अप्रैल को ईद मनाई जा रही है। ऐसे में राजधानी पटना के गांधी मैदान में भी हर साल की तरह इस बार भी ईद को लेकर के विशेष तैयारी की गई है। लगभग 30 हजार से अधिक लोग आज गांधी मैदान पहुंचेंगे और ईद की नमाज अदा करेंगे। इसके साथ ही सीएम नीतीश कुमार भी गांधी मैदान सुबह 7:45 में पहुंचेंगे। इस दौरान हजारों की संख्या में नमाजी एक साथ नमाज अदा करेंगे।
डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि विधि व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पटना सिटी अनुमंडल में कुल 402 स्थान पर दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्त कर दी गई है। सदर अनुमंडल में 60, पटना सिटी अनुमंडल में 133, दानापुर अनुमंडल में 69, बाढ़ अनुमंडल में 61, मसौढ़ी अनुमंडल में 39 पालीगंज अनुमंडल में 40 स्थानों पर इनको मुस्तैद किए गए हैं। डीएम के अनुसार गांधी मैदान में नमाजियों का प्रवेश गेट संख्या 04, 05, 06, 07, 08, 09 और 10 से होगा। वाहन से आने वाले नमाजियों के वाहनों का प्रवेश गेट संख्या 05, 07 और 10 से होगा। वाहनों की पार्किंग गेट संख्या 5 से 10 के बीच होगी। इसको लेकर सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं।
मालूम हो कि, रमजान के बाद ईद का जश्न मनाया जाता है। लेकिन ईद का जश्न मनाने से पहले मुसलमानों को जकात और फितरा अदा करना जरूरी होता है। ईद की नमाज से पहले जकात और फितरा निकालने के पीछे यह सोच है कि, अमीर-गरीब सबकी ईद मने, कोई खाल हाथ न रहे और खुशियों के त्योहार ईद पर हर घर खुशियां आए। जकात और फितरा एक तरह का दान है, जोकि ईद की नमाज से पहले दी जाती है। इस्लाम के 5 स्तंभों में जकात भी शामिल है, जिसे पूरा करना हर मुसलमान का फर्ज है. इस्लाम धर्म के अनुसार हर सक्षम व्यक्ति को जकात जरूर देना चाहिए।
वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार शाम देशवासियों को ईद-उल-फितर की शुभकामनाएं दीं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने प्रार्थना की कि यह त्योहार करुणा, एकजुटता और शांति की भावना फैलाए। केरल और लद्दाख में बुधवार को ईद मनाई गई। वहीं, देश के बाकी हिस्सों में यह त्योहार गुरुवार को मनाया जा रहा है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह त्योहार रमजान के पवित्र माह में उपवास और प्रार्थना की अवधि के समापन का प्रतीक है और प्रेम और भाईचारे का संदेश देता है। यह त्योहार एकता, क्षमा और दान को बढ़ावा देता है। ईद गरीबों व वंचित लोगों की मदद करने व उनके साथ अपनी खुशियां साझा करने का अवसर है। यह त्योहार हमें शांतिपूर्ण जीवन जीने और समाज की उन्नति के लिए काम करने के लिए प्रेरित करता है।