जवान कुंदन ओझा नहीं देख पाए अपनी बेटी का चेहरा, शहीद होने से 20 दिन पहले हुआ था जन्म

जवान कुंदन ओझा नहीं देख पाए अपनी बेटी का चेहरा, शहीद होने से 20 दिन पहले हुआ था जन्म

PATNA:  लद्दाख के गलवान घाटी में चीन की सेना के साथ हुई झड़प में बिहार के एक और लाल शहीद हो गए हैं. कुंदन ओझा भोजपुर जिले के पहरपुर गांव के रहने वाले थे. लेकिन फिलहाल उनका परिवार झारखंड के साहेबगंज में रह रहा है. जैसे ही उनके शहीद होने की खबर पैतृक गांव में हुई तो गांव के लोगों की आंखे नम हो गई. 

20 दिन पहले बेटी का हुआ जन्म

शहीद जवान कुंदन ओझा की दो साल पहले शादी हुई थी. शादी के बाद पहली संतान 20 दिन पहले हुई थी. कुंदन की बेटी हुई थी. इस खबर के बाद वह काफी खुश थे और घरवालों को जल्द बेटी से मिलने आने का वादा किया था, लेकिन वह बेटी का चेहरा भी नहीं देख पाए और वह शहीद हो गए. 

2011 में सेना में हुए थे भर्ती

कुंदन फरवरी में ही छुट्टी से ड्यूटी ज्वाइन किए थे. वह घर के कमाने वाले एकलौते बाई थी. उनके दो छोटे और भाई है. कुंदन को बचपन से ही सेना की नौकरी करने का शौक था. वह 18 साल की उम्र में ही 2011 में बिहार रेजीमेंट में नौकरी ज्वाइन किए थे. जिसके बाद उनकी शादी 2018 में हुई थी. फिलहाल साहेबगंज के बिहारी ग्राम में कुंदन का पूरा परिवार रह रहा है.