MOTIHARI: फुलवारीशरीफ PFI मामले में NIA ने बड़ी कार्रवाई की है। एनआईए ने इस मामले के सातवें आरोपी को गिरफ्तार किया है। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में लक्षित हत्याओं को अंजाम देने की साजिश रचने वाले पीएफआई कार्यकर्ताओं पर अपनी कार्रवाई जारी रखते हुए एनआईए ने मामले के सातवें आरोपी को मोतिहारी के जितौरा गांव से गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार संदिग्ध की पहचान इरशाद उर्फ मोहम्मद बेलाल के रूप में हुई है, जो साम्प्रदायिक नफरत और दुश्मनी फैलाने के लिए पीएफआई की आपराधिक साजिश में सक्रिय रूप से शामिल पाया गया। वार्ड 10, बारा चकला, पूर्वी चंपारण, बिहार के हरपुर कहुनी निवासी मोहम्मद शाहिद के पुत्र इरशाद ने अहमद पैलेस, फुलवारीशरीफ, पटना में शारीरिक शिक्षा की आड़ में आयोजित प्रशिक्षण कक्षाओं में भाग लिया था। वह पीएफआई के प्रशिक्षण केंद्रों और गतिविधियों से भी जुड़ा हुआ था। उसकी निशानदेही पर मुजफ्फरपुर जिले के परसौनी गांव में एक ठिकाने से पीएफआई का एक छपा हुआ बैनर और दो लोहे की तलवारें बरामद की गयी है।
बता दें कि पिछले साल पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में इकट्ठा होने के मद्देनजर पीएफआई की गैरकानूनी और हिंसक गतिविधियों से जुड़े इस मामले में पहले भी 4 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मामला शुरू में 12.07.2022 को थाना फुलवारीशरीफ, पटना में दर्ज किया गया था, और 10 दिन बाद एनआईए द्वारा फिर से दर्ज किया गया, जिसने जांच को अपने हाथ में ले लिया।
याकूब के रूप में पहचाना गया एक व्यक्ति अभी भी फरार है। उसने हाल ही में एक अपमानजनक और भड़काऊ फेसबुक वीडियो पोस्ट किया था, जिसका उद्देश्य शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को भंग करना था। कई FB यूजर्स ने उनके पोस्ट पर भद्दे कमेंट और ट्रोल किए थे।
इससे पहले रविवार को एनआईए ने बिहार के मोतिहारी जिले में व्यापक तलाशी ली थी और दो लोगों को गिरफ्तार किया था। 8 स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसमें तनवीर रजा उर्फ बरकती पुत्र मोहम्मद अब्दुल्ला और मोहम्मद आबिद उर्फ आर्यन पुत्र मोहम्मद रुस्तम को गिरफ्तार किया गया, दोनों निवासी बहादुरपुर, मेहसी, पूर्वी चंपारण के निवासी हैं। तलाशी के दौरान कई डिजिटल उपकरण जब्त किए गए।
जांच में आगे पता चला है कि दोनों ने पीएफआई की लक्षित हत्याओं की योजना को अंजाम देने के लिए हथियारों और गोला-बारूद की व्यवस्था की थी, जिसके लिए लक्ष्यों की पहचान की गई थी और टोह ली गई थी। उन्होंने पीएफआई प्रशिक्षक याकूब को हथियार और गोला-बारूद सौंपे थे, जो पीएफआई कैडरों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित कर रहा था। इस गिरफ्तारी के बाद इस मामले में कुल 7 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई है।