DESK : 'यारों! दोस्ती बड़ी ही हसीन है' ये भले ही गाने के बोल हो, लेकिन असल जिंदगी में ये लाइन बड़े ही सच्चे हैं। कहते हैं रिश्ते भगवान ऊपर से बना कर भेजते हैं, लेकिन दोस्ती ही एक मात्र ऐसा रिश्ता होता है जिसे हम खुद चुनते हैं। हां, दोस्ती हम किसी से भी कर सकते हैं और इसमें कोई दो राय नहीं है कि हमारी जिंदगी में कई दोस्त हम सब बनाते हैं लेकिन कुछ ही ऐसे शख्स होते हैं जिससे उमरभर दोस्ती निभ पाती है। दोस्ती टूटने के पीछे वजह तो बहुत होती है। जैसे उदाहरण के तौर पर गलतफहमियां।
फ्रेंडशिप एक ऐसा रिश्ता होता है, जहां आप खुलकर अपने अपनी बातों को रख सकते हैं और बिंदास होकर उनके साथ रहते हैं। हालांकि दोस्ती भी बहुत जिम्मेदारी भरा रिश्ता होता है, अगर आपसे जरा सी चूक हुई तो इसे टूटने में देर नहीं लगती। जो आपके सच्चे दोस्त होते हैं, वह हमेशा आपका भला ही चाहते हैं इसलिए उनपर हमेशा विश्वास करें। कई बार बाहरी लोग आपकी दोस्ती को देखकर जलने लगते हैं और आपको भड़काने का काम कर सकते हैं, ऐसे में आपको अपने फ्रेंड पर पूर्ण रूप से भरोसा करना चाहिए। तभी इसमें दरार कभी नहीं आ पाएगी।
दोस्ती कभी भी स्टेटस या जाति और धर्म देख कर नहीं की जाती। स्टेटस से हमारे कहने का मतलब है कि अमीरी और गरीबी से इसका कोई लेना देना नहीं है। आपके अमीर होने पर भी कोई गरीब शख्स आपका अच्छा दोस्त बन सकता है। लेकिन अगर आप हैसियत देखकर ही फ्रेंडशिप करते हैं, तो फिर सही मानयों में दोस्ती है ही नहीं। जीवन में परिस्थितियां बदलती रहती हैं, लेकिन सच्चा दोस्त वही होता है जो किसी भी सिचुएशन के हिसाब से अपनी दोस्ती न बदले। आप भी अपने दोस्त से इस तरह फ्रेंडशिप करें कि उसके सोशल स्टेटस से आपको फर्क न पड़े तभी आप ट्रू फ्रेंड कहलाएंगे।
कृष्णा और सुदामा की मित्रता किसी से छिपी नहीं है। मुश्किल में जो अपने दोस्त का साथ दे, वहीं बेस्टफ्रेंड यानी सच्चा सखा कहलाता है। अगर आपका भी कोई पक्का दोस्त है तो उसकी मुश्किल घड़ी में कभी भी उसका साथ न छोड़े। उसकी हिम्मत बंधाने के साथ जरूरतों का भी ख्याल रखने की कोशिश करें। ऐसा ही आपके दोस्त पर भी लागू होता है। जो लोग मुसीबत के वक्त आपका साथ नहीं देते, वे सिर्फ नाम के दोस्त होते हैं। उनसे जितना जल्दी हो जाए दूरी बनाना शुरू कर दें।
किसी भी रिश्ते में परदर्शीता बहुत अहम होती है। फ्रेंडशिप भी इससे अछूता नहीं है। जिस रिश्ते में झूठ बीच में आ जाए, वो रिश्ते चाहे कितने भी पक्के हो, एक जगह पर आकर टूट ही जाते हैं। तो अगर आप किसी को अपना सच्चा दोस्त मानते हैं, उनसे कभी भी किसी बात को लेकर झूठ न बोले। कई बार आप अपने बेस्टफ्रेंड से भी कुछ बातों को लेकर सच नहीं बोलते, जिससे बाद में उन्हें तकलीफ पहुंचती है और आपकी फ्रेंडशिप कमजोर पड़ जाती है। दोस्ती में झूठ की कोई गुंजाइश नहीं होती और न ही वहां कोई आपको जज करता है। यही कारण है कि अपने दोस्तों के सामने लोग वैसे ही रहते हैं, जैसे वे असल में होते हैं। आप भी अपने अच्छे दोस्तों के साथ सच्चाई के साथ रहें।