फिर जेल जायेंगे लालू प्रसाद यादव? चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में CBI की बहस पूरी, जल्द फैसला आने की उम्मीद

फिर जेल जायेंगे लालू प्रसाद यादव? चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में CBI की बहस पूरी, जल्द फैसला आने की उम्मीद

PATNA: लंबे अर्से बाद जेल से रिहा हुए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के फिर से जेल जाने का खतरा मंडरा रहा है. चारा घोटाले से जुड़े सबसे बड़े मामले में कोर्ट का फैसला जल्द आने की उम्मीद है. रांची में सीबीआई की विशेष अदालत में इस मामले में सीबीआई की ओऱ से शनिवार को बहस पूरी कर ली गयी. अब लालू प्रसाद यादव औऱ अन्य अभियुक्तों की ओऱ से बहस होनी है, जिसके बाद कोर्ट का फैसला कभी भी आ सकता है.


लालू से जुड़े आखिरी मामले में सुनवाई

झारखंड में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले से जुडे पांच मामले में अभियुक्त हैं. चार मामलों में कोर्ट का फैसला आ चुका है. लालू यादव को सभी मामलों में सजा सुनायी गयी है. चारा घोटाले के पांचवे औऱ लालू से जुड़े आखिरी मामले में रांची की सीबीआई कोर्ट में तेजी से सुनवाई हो रही है. दरअसल हाईकोर्ट ने 6 महीने में मामले का निपटारा करने का आदेश दे रखा है, लिहाजा कोर्ट इसमें तेजी से सुनवाई कर रही है.



139 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में सीबीआई की बहस पूरी

 मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ 35 लाख रुपये की अवैध निकासी का है. सीबीआई ने इस मामले में केस संख्या-आरसी 47ए/96  दर्ज किया था जिसमें लालू प्रसाद यादव के साथ साथ पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ. आरके राणा समेत 110  अभियुक्त बनाये गये थे.  सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में इस मामले की सुनवाई हो रही है. सीबीआई ने इसमें अपनी बहस पूरी कर ली है. सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि उन्होंने 27 निर्धारित तारीख में अपनी बहस पूरी कर ली है. इसमें कोर्ट ने 12 फिजिकल दिनों में सुनवाई की. 


सोमवार से बचाव पक्ष की बहस

इस मामले में सोमवार यानि 9 अगस्त से बचाव पक्ष की ओऱ से बहस होनी है. कोर्ट ने 9 अगस्त का डेट तय कर दिया है. बचाव पक्ष की ओऱ से बहस पूरी होने के बाद कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनायेगी. सीबीआई कोर्ट हाईकोर्ट के उस फैसले का पालन करने में लगी है जिसमें 6 महीने के भीतर मामले की सुनवाई पूरी कर लेने का निर्देश दिया गया था. 


गवाही पूरी हो चुकी है

इसी साल इस मामले में कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर से गवाही पूरी हो चुकी है. कोर्ट में बचाव पक्ष यानि अभियुक्तों की ओर से गवाह पेश किये गये थे. उनकी गवाही होने के बाद बहस शुरू हुई थी. कोर्ट में सबसे पहले सीबीआई की ओऱ से वकीलों ने बहस करना शुरू किया था. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कारण फिजिकल कोर्ट पर रोक लग गयी थी. बाद में वर्चुअल सुनवाई भी रोक दी गयी थी. हाईकोर्ट के आदेश के बाद जुलाई महीने से फिर से वर्चुअल सुनवाई शुरू हुई, जिसमें सीबीआई ने अपनी बहस पूरी कर ली. अब बचाव पक्ष को बहस का मौका दिया गया है. 


170 अभियुक्तों पर चार्जशीट

डोरंडा कोषागार से अवैध तरीके से 139 करोड़ 35 लाख रूपये की निकासी के मामले में सीबीआई ने 11 मार्च 1996 को प्राथमिकी दर्ज की थी. इस मामले के सात आरोपियों को सरकारी गवाह बनाया गया था. वहीं, दो आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था. इसके बाद सीबीआई ने दो चरणों में 170 अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था. 2001 में 102 अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गयी थी. वहीं दो साल बाद 2003 में 68 औऱ अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी. कोर्ट ने सुनवाई के बाद 2005 में सारे आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित किया था.  इस मामले में पांच आरोपी फरार चल हैं.