'फ़ालतू बात काहे करता है सुनो चुप- चाप ... ', पटना यूनिवर्सिटी में लगा CM नीतीश को प्रधानमंत्री बनाने का नारा

'फ़ालतू बात काहे करता है सुनो चुप- चाप ... ', पटना यूनिवर्सिटी में लगा CM नीतीश को प्रधानमंत्री बनाने का नारा

PATNA : देश का पीएम कैसा हो.... नीतीश कुमार जैसा हो यह बातें आज पटना यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट कही है। जब बिहार के सीएम नीतीश कुमार पटना यूनिवर्सिटी में अपने पुराने दिनों की बातों को याद कर रहे थे और सीएम बनने के बाद इस यूनिवर्सिटी के लिए सरकार के तरफ से किए जा रहे मदद और आगे की राशि भो प्रदान करने की बात कह रहे थे। उसी दौरान सीनेट हॉल में देश का पीएम कैसा हो,,, नीतीश कुमार जैसा हो का नारा लगाना शुरू हो गया। इसके बाद नीतीश ने इनलोगों को हल्की फटकार लगाकर शांत रहने का निर्देश दिया। 


दरअसल, शिक्षक दिवस के मौके पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार पटना यूनिवर्सिटी में एक उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे। उनके साथ राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर भी मौजूद थे। इसी दौरान सीएम जब मंच से अपनी बातों को रख रहे थे तो कुछ नौजवानों ने नारा लगाना शुरू कर दिया। ये नौजवान देश के पीएम कैसा हो... नीतीश कुमार जैसा हो का नारा लगाना शुरू कर दिय। जसिके बाद सीएम नीतीश कुमार ने टोकते हुए कहा कि - फालतू बात काहे करता है.. जो कह रहे हैं उसको सुनो चुप - चाप... यही काम आएगा। उसके बाद स्टूडेंट शांत हो गए और नीतीश अपनी बात कहने लगे। 


इसके आलावा सीएम ने कुलपति के  टेन्योर को बढ़ाने को लेकर कहा कि-  इसका प्रस्ताव लाइए हम स्वीकृत करेंगे। पीयू पूरे भारत का सातवां विश्विद्यालय है।इसका 106 वर्ष का हो गया और इसके विकास के लिए हम हमेशा से तत्पर हैं। हमारा इससे हमेशा से लगाव रहा है। हमारे समय में देश दुनिया से गेस्ट आते थे पीयू में मीटिंग होती थी .इसलिए अब तो हम यही कहते है की आप भी बुलाइए। सभी लोग से कहेंगे जो भी शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करते थे उन्हे साल में एक बार बुलाया कीजिए। उस दिन हम भी ऊपर नहीं नीचे आकर बैठेंगे। यह हमारा पुराना जगह है पुराना लगाव है। 


इसके आगे नीतीश ने कहा कि केंद्र में जब मंत्री थे तब इंजीनियरिंग कॉलेज को नेशनल कॉलेज बनवाया। तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेई ने हमारी बात मानी। आज कितना सुंदर हो गया पढ़ने के लिए भी बेहतर हो गया। बहुत बढ़िया इंस्टीट्यूट हो गया है। हमलोग जब पढ़ते थे उस टाइम 500 लोग पढ़ते थे अब 4200 स्टूडेंट पढ़ते हैं। जिस हॉस्टल के रूम में हम रहते थे उसे को देखते रहते हैं। हम तो हमेशा कहते हैं कि भवन निर्माण में जितनी राशि की आवश्यकता होगी उपलब्ध करवाएंगे। पीयू के विकास के लिए एक एक चीज बेहतर करेंगे। पीयू को हम कभी नही भुला सकते जेपी मूवमेंट यहीं से हुआ। जेपी मूवमेंट का पीयू ही केंद्र रहा है। छात्रों से झगड़ा नही करने की अपील के साथ मुख्यमंत्री ने अपना भाषण समाप्त किया। 


आपको बताते चलें कि, जब से बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी है तब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री कैंडिडेट के रूप में प्रोजेक्ट करने की कवायद तेज हो गई है। उसके पहले भी  समय-समय पर यह कवायद की जाती रही है। समर्थक और जदयू के नेता बार-बार यह कहते हैं कि नीतीश कुमार सही मायने में पीएम मैटेरियल हैं। उनके साथ रहने तक उपेंद्र कुशवाहा भी इस बात को दोहरा चुके हैं। बार-बार जनसभा और मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में ऐसी नारेबाजी की जाती रही है।  मंच पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ भी मौजूद थे।