PATNA : आय से अधिक संपत्ति के मामले में निगरानी ब्यूरो ने सिवान जिला परिषद के इंजीनियर धनंजय मणि तिवारी के ठिकानों पर रविवार को छापेमारी की थी. इस दौरान धनंजय मनीष तिवारी के करोड़ों की चल अचल संपत्ति का पता चला है. विजिलेंस की टीम ने इससे संबंधित कई डाक्यूमेंट्स जब्त किए हैं. सुबह से चल रही छापेमारी देर रात तक जारी रही और मोटे तौर पर यह बात सामने आई है कि धनंजय मनीष तिवारी ने चार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बना रखी थी. श्रीमान के मालवीय नगर स्थित इंजीनियर के आलीशान मकान पर भी छापेमारी की गई थी. निगरानी की टीम ने ऑफिस से लेकर घर तक को खंगाला और लाखों के जेवरात और गाड़ियों के कागज भी जप्त किए गए.
इंजीनियर धनंजय मनीष तिवारी के पचरुखी स्थित पैतृक घर पर की गई. छापेमारी में भी कई जमीन के दस्तावेज मिले हैं. ब्यूरो के मुताबिक संपत्ति का आंकड़ा और ज्यादा हो सकता है. छापेमारी के दौरान 78 जमीन के दस्तावेज बरामद किए गए हैं. विजिलेंस की टीम जो छापेमारी करने के लिए गई थी उसे भी अंदाजा नहीं था कि भ्रष्टाचारी इंजीनियर वाकई कितना बड़ा धनकुबेर है. इंजीनियर के ठिकानों से चार लाख 92 हजार कैश, 10 लाख से अधिक की ज्वेलरी बरामद किए गए हैं. इंजीनियर ने अपने परिजनों के नाम से अलग-अलग बैंक में 22 खाते भी खुलवा रखे थे. इसके साथ ही साथ से लगभग दो दर्जन इंश्योरेंस पॉलिसी के डॉक्यूमेंट भी जप्त किए गए हैं.
भ्रष्टाचारी इंजीनियर के पास एक ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, स्कॉर्पियो गाड़ी और मोटरसाइकिल भी है. वाहनों की कुल कीमत 40लाख से ऊपर आंकी गई है. विजलेंस के मुताबिक इंजीनियर धनंजय मनीष तिवारी रिटायर कर गए थे. 1 अक्टूबर 2020 से 11 माह के अनुबंध पर जिला परिषद में इंजीनियर के तौर पर वह काम कर रहे थे. तीन अलग-अलग विजलेंस की टीमों ने अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. डीएसपी विजिलेंस मुजफ्फरपुर कन्हैया लाल ने बताया कि पहले वैल्यूएशन होगा और उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी.