PATNA : चुनावी बॉन्ड स्कीम को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द करके इलेक्शन कमीशन को इसका डेटा सार्वजनिक करने के लिए कहा था। इसके बाद रविवार को निर्वाचन आयोग ने इसका फ्रेश डेटा जारी किया जिसमें 12 अप्रैल 2019 से पहले की अवधि की डिटेल दी गई। ऐसे में जदयू ने ने 2018-19 के चुनावी बॉन्ड के खुलासे को लेकर बड़ा ही विचित्र स्पष्टीकरण दिया है। वहीं, अब इस ममाले में तेजस्वी यादव से सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली।
दरअसल, विपक्षी गठबंधन की रैली में शामिल होने मुंबई गए बिहार के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव आज जब वापस पटना पहुंचे तो एअरपोर्ट पर मीडिया कर्मी ने उनसे इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सवाल किया। पत्रकारों ने तेजस्वी से कहा कि - जदयू को कोई अनजान आदमी 10 करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड दिया है। इसके बाद सवाल सुनकर तेजस्वी चुप्प हो गए और कहा कि - मुझे किस मामले में कुछ भी नहीं बोलना है। इसके बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि - जब इसके बदले दूसरा सवाल कर लें।
मालूम हो कि, इलेक्टोरल बॉन्ड से देश में सबसे ज्यादा चंदा भाजपा को मिला है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एसबीआई ने जो आकड़े उपलब्ध कराए हैं। उसमें इलेक्टोरल बॉन्ड से सबसे ज्यादा चंदा भाजपा को मिला। यह राशि करीब 60 अरब रुपए है। लेकिन इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा हासिल करने वालों में बिहार के सियासी दल भी पीछे नहीं है।
वहीं, बात करें बिहार के प्रमुख सियासी दलों के नाम भी शामिल है। यह जानकारी 12 अप्रैल, 2019 से 11 जनवरी, 2024 के बीच की है। इस जानकारी के अनुसार बीजेपी ने इस अवधि में कुल 60 अरब रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड को भुनाया है। वहीं इस मामले में दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस है, जिसने 16 अरब रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश किया है।
बिहार के सियासी दलों में इसमें एक मात्र राजनीतिक दल के रूप में लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का नाम शामिल है। राजद के नाम इसमें अलग अलग तिथियों में करोड़ों रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश कराने की जानकारी दी गई है। लालू यादव की पार्टी ने सबसे पहले 16 अप्रैल 2019 को 1 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश कराया। हालांकि, यह शुरुआत यहीं नहीं रुकी। इसके बाद अलग अलग तिथियों में कई बार इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश कराया गया। राजद ने 16 अप्रैल 2019 से 20 जनवरी 2024 के बीच भिन्न 8 तिथियों पर इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश कराया गया।