एक पेड़ माँ के नाम: जयप्रभा मेदांता हाॅस्पिटल के मरीजों के बीच मंत्री प्रेम कुमार ने 500 पौधों का किया वितरण

एक पेड़ माँ के नाम: जयप्रभा मेदांता हाॅस्पिटल के मरीजों के बीच मंत्री प्रेम कुमार ने 500 पौधों का किया वितरण

PATNA: पटना के जयप्रभा मेदांता हॉस्पिटल ने संजय गांधी जैविक उद्यान के साथ मिलकर ‘एक पेड़ माँ के नाम’ के तहत पौधों का वितरण किया। बिहार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डाॅ. प्रेम कुमार ने जयप्रभा मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के बीच 500 पौधों का वितरण कर इस अभियान की शुरुआत की। इस दौरान संजय गांधी जैविक उद्यान के निदेशक सत्यजीत कुमार और मेडिकल डायरेक्टर डाॅ. रवि शंकर सिंह ने भी पौधों का वितरण किया।


पटना के जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशिलिटी हाॅस्पिटल और संजय गांधी जैविक उद्यान ने मिलकर आज शुक्रवार 16 जुलाई को ‘एक पेड़ मां के नाम’ के तहत एक कार्यक्रम का आयोजन हाॅस्पिटल परिसर में किया। जिसमें पांच सौ पौधे हाॅस्पिटल के मरीजों के बीच वितरित किये गये। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डाॅ. प्रेम कुमार ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पौधारोपण अत्यावश्यक है। 


उन्होंने कहा कि यह अभियान आक्सीजन की मात्रा बढ़ाने, धरती का तापमान कम करने, भूजल स्तर को ऊपर लाने और प्रदूषण नियंत्रण में महत्वपूर्ण योगदान करने में समर्थ होगा। उन्होंने कहा कि वृक्ष के महत्व के बारे में मत्स्य पुराण में लिखा गया है कि 10 कुंओं के बराबर एक बावड़ी, 10 बावड़ी के बराबर एक तालाब, 10 तालाब के बराबर एक पुत्र और 10 पुत्रों के बराबर एक वृक्ष होता है। उन्होंने कहा कि पौधों के बड़े होने तक उसकी बच्चे की तरह देखभाल करनी चाहिए, बाद में बड़ा होने पर वह आपकी माँ की तरह आपकी चिंता करेगा। मंत्री डाॅ. प्रेम कुमार ने कुछ मरीजों को पौधा देकर इस कार्यक्रम की शुरुआत की। 


इस मौके पर उपस्थित जय गांधी जैविक उद्यान, पटना के निदेशक सत्यजीत कुमार और हाॅस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डाॅ.रवि शंकर सिंह ने भी मरीजों के बीच पौधों का वितरण किया। इस मौके पर डाॅ.रवि शंकर सिंह ने कहा कि पर्यावरण को प्रदूषण रहित रखने के लिए पौधरोपण की सख्त जरूरत है। आज पूरी दुनिया में फैली ग्लोबल वार्मिंग से भी निपटने के लिए पौधरोपण काफी जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि हमलोग सिर्फ बीमारी का इलाज ही नहीं करते हैं बल्कि बीमार पड़ने से लोगों को बचाने का भी प्रयास करते हैं। इसी कड़ी के रूप में हमने इस कार्यक्रम का आयोजन किया है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण सुरक्षित रहेगा तथा वन अक्षुण्ण रहेंगे तो हम विभिन्न बीमारियों से बच सकते हैं।