डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया गिरफ्तार, कल कोर्ट में होगी पेशी

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया गिरफ्तार, कल कोर्ट में होगी पेशी

DELHI: दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया है। करीब 8 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है। कल सोमवार की दोपहर उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। बताया जाता है कि सबूत नष्ट करने के आरोप में उन पर कार्रवाई की गयी है। सीबीआई मुख्यालय के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी है।  


आम आदमी पार्टी का कहना है कि राजनीतिक द्वेष के कारण बीजेपी ने दिल्ली के डिप्टी सीएम पर यह कार्रवाई करायी है। लोकतंत्र का यह काला दिन है। सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को बीजेपी ने फर्जी केस में फंसाया है। राघव चड्डा ने कहा कि जेल का ताला टूटेगा मनीष सिसोदिया छूटेगा। वही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मनीष सिसोदिया बेकसूर हैं। 


केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने 2021-22 की आबकारी नीति लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से करीब 8 घंटे तक पूछताछ की। जिसके बाद रविवार देर शाम उन्हें गिरफ्तार किया गया। दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में सिसोदिया से कई सवाल पूछे गए। सीबीआई ने उन्हें घोटाला के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। 


मनीष सिसोदिया की कल कोर्ट में पेशी होनी है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि सिसोदिया पर जो आरोप लगे हैं वो आरोप झूठे हैं। केंद्र सरकार के आदेश पर उनकी गिरफ्तारी हुई है। बीजेपी के अनुसार एजेन्सियां देश में काम कर रही है। उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता से बीजेपी डरी हुई है।


आम आदमी पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार जिस तरीके से काम कर रही है। सारी की सारी एजेन्सिया भाजपा के स्कीप्ट के अनुसार काम कर रही है। जो स्कीप्ट में लिखा है वैसा हो रहा है। एक समय था जब एजेन्सी कानून के हिसाब से चला करती थी। लेकिन आज सारी एजेन्सिया भाजपा का प्रकोष्ठ बनकर रह गयी है इनका कानून से कोई मतलब नहीं है। सिसोदिया के घर से कोई सबूत नहीं मिला है। इसके बावजूद सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया है।


मनीष सिसोदिया की गिरफ्तार को लेकर जेडीयू ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। बिहार के जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि पॉलिटिकल एफआईआर करने की एक नई परिपाटी शुरू की गयी है। जो विरोध करेगा उसके खिलाफ एफआईआर होगा। उसका पॉलिटिकल एजेन्डा तय होगा। कन्हैया कुमार सहित विभिन्न मामलों में भी यही देखा गया कि वह न्याय निष्कर्ष तक नहीं पहुंचता है केवल विरोधियों को हतोत्साहित करने के लिए एक राजनैतिक एजेन्डा के अलावे कुछ भी प्रतीत नहीं होता है।