1st Bihar Published by: Updated Wed, 22 Jul 2020 07:28:03 AM IST
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PATNA : कोरोना संकट के इस काल में प्रशासन भले ही यह दावा कर ले कि हर अस्पताल में रोगी को भर्ती कर लिया जाएगा पर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान करती है. पेशेंट को एडमिट कराने के लिए परिजन बेचैन नजर आ रहे हैं. आए दिन ऐसी खबरें सामने आ रही है कि इलाज के अभाव में मरीज की मौत हो जा रही है और लापरवाह सिस्टम ऐसे ही सब कुछ देखते रह जाता है.
ताजा मामला पटना के बेउर के मित्रमंडल कॉलोनी की है, जहां के रहने वाले अरविंद कुमार की इलाज के अभाव में मौत हो गई. अरविंद कुमार के भाई मनोद कुमार डॉक्टर हैं और अरवल सदर अस्पताल में पदस्थापित हैं. उन्होंने बताया कि अरविंद को बीपी और शूगर की शिकायत थी. दो-तीन दिन से उन्हें सर्दी-खांसी और बुखार था. दवा खाकर घऱ समें इलाज किया जा रहा था.
लेकिन तबीयत बिगड़ने और सांस लेने में शिकायत होने लगी. जिसके बाद वे अपने भाई को लेकर IGIMS लेकर गए पर वहां भर्ती लेने से इंकार कर दिया गया. उसके बाद वे रुबन, पारस, एम्स से लेकर पीएमसीएच तक भटकते रहे पर कहीं इलाज नहीं हुआ. इसी दौरान उनके भाई की मौत हो गई.अरविंद बेगूसराय में प्रोग्राम अफसर थे औ