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Diwali 2024: दिवाली का पर्व आज, यहां जानिए लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त, विधि, मंत्र और सब कुछ

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 31 Oct 2024 07:08:45 AM IST

Diwali 2024: दिवाली का पर्व आज, यहां जानिए लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त, विधि, मंत्र और सब कुछ

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PATNA : दिवाली का त्योहार हर जगह बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की उपासना की जाती है। इस बार दिवाली का त्योहार 31 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जा रहा है। दिवाली की अमावस्या तिथि दोपहर 3 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर होगा। 


ऐसा कहते हैं कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की उपासना करने से घर में धन दौलत की बरसात होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे और नगरवासियों ने इन खुशी में दीप प्रज्जवलित किए थे तभी से दिवाली मनाने की परंपरा शुरू हुई है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। 


दिवाली का पूजन प्रदोष काल में किया जाता है इसलिए इस दिन प्रदोष काल का समय शाम 31 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 36 से रात 8 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। वहीं, वृषभ लग्न (स्थिर लग्न) का समय शाम 6 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। महानिशीथ काल का पूजन मुहूर्त- 31 अक्टूबर क रात 11 बजकर 39 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 30 मिनट तक होगा। दिवाली इस बार बहुत ही खास मानी जा रही है क्योंकि 40 साल इस दिन शुक्र-गुरु की युति से समसप्तक योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही शनि अपनी ही स्वराशि कुंभ में विराजमान रहकर शश राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। 


दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन किया जाता है। इस दिन शाम को पूजन के लिए एक चौकी तैयार करें और उसके बाद चौकी पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा रखें। प्रतिमाएं तैयार करने के बाद उनके आगे एक दीपक जलाएं। दीपक जलाने के बाद मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का संकल्प लें। उसके बाद मूर्तियों के आगे जल भरा एक कलश रखें. फिर मां लक्ष्मी और श्री गणेश के को फल, फूल, मिठाई, कलावा, रोली आदि चीजें अर्पित करें। उसके बाद मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती करें। दिवाली की रात को मां लक्ष्मी को गुलाब का एक फूल और कुछ सिक्के अर्पित करें. अगले दिन सुबह सारे सिक्कों को किसी निर्धन को दान कर दें।