BEGUSARAI: मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के ट्वीट का जवाब देते हुए बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि भारत में रहना है तो वंदे मातरम कहना होगा। भगवा ध्वज के प्रति सम्मान रखना होगा। जन-गण-मन और देश के नायकों को स्वीकार करना होगा। बीजेपी के फायर ब्रांड नेता व हिंदू हृदय सम्राट केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बाद राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने दिग्विजय सिंह के बयान पर पलटवार किया है।
कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि- " क्या धर्म के नाम पर नफ़रत फैलाने वालों पर कोई कार्यवाही की? क्या आतंकवाद में लिप्त संघ भाजपा के अपराधियों को दोष मुक्त कराने में सहयोग नहीं किया? गोविंदाचार्य जी @KGovindacharyaअटल जी के मुखौटा पर आपने अपना वक्तव्य दिया था @narendramodi के मुखौटा पर भी आपको कुछ कहना चाहिए। मोदी जी narendramodi विदेशों में महात्मा गांधी जी पर बोलते हुए भारत में अहिंसा करुणा और शांति का संदेश देते हैं। लेकिन भारत में हिंसा करने वालों पर अशांति फैलाने वालों के ख़िलाफ़ एक शब्द भी नहीं बोलते। उनका विदेशों में मुखौटा है असली चेहरा भारत में है।
बेगूसराय में राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के कई नेताओं ने राजनीतिक रोजी-रोटी, संघ और भारतीय जनता पार्टी पर अनर्गल बातें कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह भी उनमें शामिल हैं। गुजरात के दंगे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सतर्कता बरती। बाद में पुलिस को गोली चलानी पड़ी। उस गोली में यह नहीं देखा गया कि किस पर गोली चली है और ना यह देखा गया कि हिंसा को कौन आगे बढ़ा रहा है?
बीजेपी सांसद ने कहा कि आतंकवादियों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाले और पाकिस्तान के प्रति लगातार सहानुभूति दिखाने वाले दिग्विजय सिंह से यह पूछना चाहता हूं कि बाटला हाउस में जब आतंकवादी मारे गए तो सोनिया गांधी के आखों में आंसू क्यों आए। इसी देश में जब कुछ जगह पर पाकिस्तान के झंडे लगते हैं, पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगता है दिग्विजय सिंह क्या करते हैं?
उन्होंने कहा कि हम तो भारत को एक समृद्ध, शक्तिशाली और एक सिक्योरेट डेमोक्रेसी बनाकर रखना चाहते हैं। जिसमें सभी धर्मों के साथ बराबर का व्यवहार हो लेकिन सभी धर्म भी संविधान के साथ बराबर का व्यवहार करें। कोई धर्म यह न कहें की धर्म होने के कारण उसे संविधान विशेषाधिकार दे। उसके लिए अलग कॉलेज हो,अलग इंस्टीट्यूशन हो संविधान के मूल भावना से वो अलग है ऐसा नहीं हो सकता है।
राकेश सिन्हा ने कांग्रेस नेताओं से कहा कि इस देश में यदि रहना है तो आपको वंदे मातरम को भी स्वीकार करना पड़ेगा, जन गण मन को भी स्वीकार करना पड़ेगा। इस देश में रहना है तो इस देश के नायकों को स्वीकार करना होगा। चाहे राणा प्रताप हो या फिर शिवाजी और वीर कुंवर सिंह सभी को स्वीकार करना पड़ेगा। सुभाष चंद्र बोस को स्वीकार करना पड़ेगा और तिरंगे को भी स्वीकार करना पड़ेगा।
बीजेपी सांसद ने कांग्रेस के नेताओं से यह भी कहा कि इस देश के संस्कृति में जो भगवा का महत्व है उस भगवा ध्वज जो सांस्कृतिक ध्वज के प्रति भी सम्मान का भाव रखना पड़ेगा। यदि आप नहीं रखते हैं वेद रामायण, महाभारत, पुराण गीता इन चीजों से अपने आप को अलग रखते हैं तो संभवत आप भारतीय संस्कृति से भारतीय इतिहास से नही, भारतीय वर्तमान से नही, भारत का भविष्य से नहीं बल्कि स्वयं भारत कटना चाहते हैं। भारत सिर्फ भोगने की भूमि नहीं है। भारत तो मां है... और मां और पुत्र का जो संबंध रखते हैं वही सच्चे अर्थ में भारतीय हैं। सिर्फ संविधान की प्रस्तावना पढ़ने से कोई भारतीय नहीं बन जाता।