धृतराष्ट्र बन ताबूत वालों की भाषा बोल रहे हैं नीतीश, बोले सुशील मोदी..उन्हें नहीं दिख रहा केंद्र सरकार के बड़े-बड़े काम

धृतराष्ट्र बन ताबूत वालों की भाषा बोल रहे हैं नीतीश, बोले सुशील मोदी..उन्हें नहीं दिख रहा केंद्र सरकार के बड़े-बड़े काम

PATNA: बीजेपी सांसद व बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने एक बार फिर नीतीश कुमार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो बड़े-बड़े काम किये वो काम नीतीश कुमार को नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि बरौनी कारखाना चालू होना, नया कोइलवर पुल, दरभंगा एयर पोर्ट क्या यह कोई काम नहीं है?  75 वें साल में देश को नया संसद भवन मिलना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है।· बिहार में सड़क, रेलवे और हवाई अड्डों के तेज विकास से हजारों लोगों को रोजगार मिला है। नीतीश कुमार धृतराष्ट्र बन कर ताबूत वालों की भाषा बोल रहे हैं। 


बता दें कि बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी भोपाल में आयोजित National Tiger Conservation Authority की 23वीं बैठक में शामिल हुए। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की आँखों पर अहंकार का इतना मोटा पर्दा पड़ा हुआ है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के बड़े-बड़े काम भी नहीं दिखते। आजादी के 75 वें साल में देश को भव्य संसद भवन मिलना कोई काम नहीं है क्या? 


सुशील मोदी ने कहा कि क्या नीतीश कुमार को बिहार में 54000 करोड़ की लागत से 6 लेन सड़कों का निर्माण कार्य भी कोई काम नहीं लगता है ? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2000 करोड़ रुपये खर्च कर पटना के गाँधी सेतु को अपग्रेड कराया और नियमित महाजाम से मुक्ति दिलायी। क्या यह कोई काम नहीं है? 


उन्होंने कहा कि दरभंगा एयर पोर्ट चालू कराना कोई क्या कोई काम नहीं है? आज उत्तर बिहार के लोग बंगलोर, मुम्बई, दिल्ली से सीधे दरभंगा पहुँच रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बताएँ कि 150 साल पुराने कोइलवर पुल के समानान्तर नया पुल बनवाना कोई काम है या नहीं? 


सुशील मोदी ने कहा कि 8,500 करोड़ रुपये की लागत से बरौनी खाद कारखाने का आधुनिकीकरण कर उसे चालू करवा देना भी अगर कोई काम नहीं है, तो दोष मुख्यमंत्री की आँखों में है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार लुक-ईस्ट पालिसी के तहत बिहार में सड़क, रेलवे और हवाई अड्डों के तेज विकास के लिए जो बड़े-बड़े काम कर रही है, उनसे हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है, लेकिन नीतीश कुमार धृतराष्ट्र बन कर ताबूत वालों की भाषा बोल रहे हैं।