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1st Bihar Published by: AJIT Updated Sat, 03 Aug 2024 08:23:00 PM IST
JEHANABAD: डॉक्टर को लोगों ने धरती के भगवान का दर्जा दे रखा है। आंख बंद कर लोग उन पर विश्वास करते हैं। आए दिन डॉक्टरों की लापरवाही से मरीज की मौत होने का मामला सामने आता है। मरीज की मौत के बाद लोग हंगामा प्रदर्शन और अस्पताल में तोड़फोड़ करते हैं लेकिन कुछ दिन बाद फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है और डॉक्टर फिर से मरीज का इलाज करने में लग जाते हैं। इस बार तो बिहार के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
जहानाबाद सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने एक सप्ताह पूर्व गौरापुर गांव की एक महिला का प्रसव कराया था। ऑपरेशन के बाद महिला ने बच्चे को जन्म दिया था। ऑपरेशन के दौरान मरीज के पेट में डॉक्टरों ने तौलिया छोड़ दिया था। पेट में टांका लगाने के बाद डॉक्टरों ने महिला और नवजात शिशू को अस्पताल से छु्ट्टी दे दी। जब खुशबू अपने बच्चे को लेकर घर जैसे ही पहुंची पेट में तेज दर्ज होने लगा। यह दर्द रूकने का नाम नहीं ले रहा है। चौबीसों घंटे वो पेट दर्द से कराहती रहती थी। खुशबू का पेट दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा था।
जिसके बाद परिजनों ने पेट का अल्ट्रासाउंड करवाया। जिसमें पता चला कि पेट में कुछ दिख गया है। जब खूशबू ने प्राइवेट क्लिनिक के डॉक्टर को रिपोर्ट दिखाया तो उन्होंने भी बताया कि पेट के अंदर कुछ है। फिर क्या था इस बार उसने प्राइवेट क्लिनिक में पेट का दोबारा ऑपरेशन करवाया। इस दौरान खुशबू के पेट से एक तौलिया निकला जिसे देखकर खुद प्राइवेट क्लिनिक के डॉक्टर भी हैरान रह गये। फिर खुशबू के परिजनों ने उस तौलिया को ले जाकर सदर अस्पताल के डॉक्टरों को दिखाया और जमकर बवाल काटा।
वहीं सदर अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर अशोक कुमार ने बताया कि अगर इस तरह की बात है तो हम फिर से उस मरीज का ऑपरेशन करने के लिए तैयार है। अब सवाल यह उठता है कि एक बार नहीं दो बार महिला के पेट का ऑपरेशन कराया गया अब तीसरे बार की चर्चा डॉक्टर साहब क्यों कर रहे हैं यह बात तो समझ से परे हैं डॉक्टर साहब की यह बात किसी को समझ में नहीं आ रही है। वो सिर्फ सच पर पर्दा डालने की कोशिश में लगे हैं। डॉक्टरों की इस लापरवाही से बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। ऐसे में कोई कैसे धरती के भगवान पर भरोसा करे जो जान बचाने के बजाय जान लेने का काम करते है। अब देखना होगा कि दोषी और लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ सरकार क्या कार्रवाई करती है? स्वास्थ्य विभाग के मंत्री मंगल पांडेय इस पूरे मामले पर क्या रूख अपनाते हैं?