BIHAR NEWS: देश में पहली बार एक साथ 3 ट्रांसजेंडर दारोगाओं को मिलेगा जॉइनिंग लेटर, लंबी क़ानूनी लड़ाई के बाद मिली जीत; CM नीतीश देंगे लेटर

BIHAR NEWS: देश में पहली बार एक साथ 3 ट्रांसजेंडर दारोगाओं को मिलेगा जॉइनिंग लेटर, लंबी क़ानूनी लड़ाई के बाद मिली जीत; CM नीतीश देंगे लेटर

PATNA : बिहार देश का ऐसा पहला राज्य होगा जहां तीन ट्रांसजेंडरों को एक साथ दारोगा पद के लिए नियुक्ति पत्र सौंपा जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सूबे के नवनियुक्त 1239 पुलिस अवर निरीक्षकों (दारोगा) को नियुक्ति पत्र देंगे। बिहार में पहली बार ट्रांसजेंडर पुलिस अवर निरीक्षकों को भी इस मौके पर नियुक्ति पत्र सौंपा जाएगा।


जानकारी के अनुसार जिन 3 ट्रांसजेंडर दारोगाओं को नियुक्ति पत्र  मिलेगा उनमें एक ट्रांसवुमेन और दो ट्रांसमेन शामिल हैं। मानवी मधु कश्यप पहली ट्रांसवुमेन हैं जो दारोगा बनीं है। जबकि, रोनित झा और बंटी कुमार ट्रांसमेन है। देश में बिहार पहला राज्य होगा, जहां तीन ट्रांसजेंडरों को एक साथ दारोगा पद के लिए नियुक्ति पत्र सौंपा जाएगा। गृह विभाग एवं पुलिस मुख्यालय की ओर से 21 अक्टूबर को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।  पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार गांधी मैदान स्थित बापू सभागार में इस कार्यक्रम का आयोजन होगा।


वहीं, इस मौके पर राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, गृह विभाग के प्रधान सचिव अरिवंद कुमार चौधरी, राज्य के पुलिस महानिदेशक आलोक राज सहित पुलिस मुख्यालय के वरीय पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। हालांकि बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग द्वारा आयोजित इस दारोगा बहाली परीक्षा में ट्रांसजेंडर्स के लिए पांच सीट आरक्षित थीं, लेकिन आख़िर में चयन मात्र तीन लोगों का हो पाया। 


बिहार देश के उन गिने-चुने राज्यों में से एक हैं, जहां पुलिस बहाली में ट्रांसजेंडर के लिए आरक्षित पद हैं। हालांकि, इसके पीछे इस समुदाय के लोगों को काफ़ी लंबी क़ानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी है. तब जाकर उन्‍हें ये हक मिल पाया है. सरकार अब ट्रांसजेंडर्स को सर्टिफिकेट भी देने लगी है, जिससे उनको समाज में सिर उठाकर आत्‍मविश्‍वास के साथ जीने का हौसला मिला है। 


बता दें कि पटना हाई कोर्ट द्वारा वीरा यादव बनाम बिहार सरकार के मामले में जब राज्य सरकार को स्थिति साफ़ करने के लिए बोला गया था। तब राज्य सरकार ने हर पांच सौ पद में एक ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आरक्षित करने का शपथ पत्र दिया था। उसके बाद मद्य निषेध विभाग में क़रीब 700 लोगों को बहाली हुई, जिसमें पहली बार गुड़िया कुमारी इस वर्ग के लिए आरक्षित पद पर चुनी गयी थी।