DESK : बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में जीआरएपी के चौथे चरण को लागू करने की घोषणा कर दी गई। जो सोमवार सुबह आठ बजे से प्रभावी होंगे। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने यह आदेश तब जारी किया, जब दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) रविवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया। दिल्ली में एक्यूआई शाम चार बजे 441 दर्ज किया गया, जो शाम सात बजे तक बढ़कर 457 हो गया।
वहीं, इसको लेकर दिल्ली पर्यावरण मंत्री कार्यालय ने बताया कि दिल्ली में GRAP-IV के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय सोमवार दोपहर 12 बजे दिल्ली सचिवालय में सभी संबंधित विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे। जीआरएपी के चौथे चरण के तहत ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध और सार्वजनिक निर्माण परियोजनाओं पर अस्थायी रोक शामिल है।
इस आदेश के मुताबिक आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या स्वच्छ ईंधन (एलएनजी/सीएनजी/बीएस-VI डीजल/इलेक्ट्रिक) का उपयोग करने वाले ट्रकों को छोड़कर किसी भी ट्रक को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहनों, सीएनजी वाहनों और बीएस-VI डीजल वाले वाहनों को छोड़कर दिल्ली के बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्यिक वाहन भी प्रतिबंध के दायरे में होंगे। इसके अलावा राजमार्ग, सड़क, फ्लाईओवर और अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण गतिविधियों पर अस्थायी रोक रहेगी।
जबकि, GRAP-4 लागू होने के साथ ही कक्षा 10वीं और 12वीं के अलावा सभी छात्रों के लिए ऑफलाइन कक्षाएं बंद कर दी गई हैं। दिल्ली की सीएम आतिशी ने ट्वीट कर बताया, अगले आदेश तक सभी स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करेंगे। सीएक्यूएम ने कक्षा 6 से 9 और कक्षा 11 के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने का सुझाव दिया था। इसने यह भी सिफारिश है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कार्यालय 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करें, जबकि बाकी कर्मचारी घर से ही काम करें। समिति ने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) करने का विकल्प पेश किया जा सकता है।
इधर, समिति ने राज्य सरकार को कॉलेज बंद करने, गैर-जरूरी व्यावसायिक गतिविधियों को सीमित करने और वाहनों के लिए सम-विषम नियम लागू करने का भी सुझाव दिया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु प्रदूषण रोकने के उपायों को लागू करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई 18 नवंबर की वाद सूची के अनुसार जस्टिस अभय एस ओका और आगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ इस याचिका पर सुनवाई करेगी। 14 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई थी।