DARBHANGA : दरभंगा इस बार सधे पांव लोकतंत्र गढ़ने ने को तैयार है. जिले की 10 में से पांच कुशेश्वरस्थान सुरक्षित, गौड़ा बौराम, बेनीपुर, अलीनगर और दरभंगा ग्रामीण सीटों पर दूसरे चरण में 3 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. शेष पांच सीटें दरभंगा शहरी, जाले, बहादुरपुर, हायाघाट एवं केवटी में आखिरी चरण में 7 नवंबर को वोट पड़ेंगे.
दरभंगा में इस बार मुद्दे भी हैं और राजनीति की रीति के मुताबिक जातीय कार्ड व समीकरण भी जातीय कार्ड के खेल में ताश के पत्तों की तरह वोटों का बिखराव और भितरघात भी राजनीति को नई दिशा देने को तैयार है. धीरे-धीरे बन रहा माहौल अंत-अंत तक सीधी लड़ाई का दृश्य बना रहा है. इसमें लोजपा, जाप, रालोसपा व अन्य दल वोट एकत्रीकरण का खेल बिगाड़ रहे हैं.कुछ सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष भी है. प्रत्याशियों के लिए चुनाव में मतों का भी ख्याल रखना बड़ी चुनौती होती जा रही है.
दरभंगा ग्रामीण में राजद-जदयू सीधी दिख रही लड़ाई को लोजपा ने बिगाड़ दिया है.यहां के प्रमुख मुद्दे हैं ग्रामीण सड़कें, बागमती, कमला, जीवछ नदी से हर साल होने वाली तबाही है.
इस सीट पर लगातार पांच बार विधायक रह चुके राजद के ललित कुमार यादव के सामने एनडीए ने जदयू से डॉ0 फराज फातमी को उतारा है जो जदयू के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री अली अशरफ फातमी के पुत्र हैं. लोजपा ने इन दोनों प्रत्याशियों के मुकाबले प्रदीप ठाकुर को उतारा है जो स्थानीय हैं. जबकि ललित यादव एवं फराज फातमी दरभंगा शहर के वोटर हैं ऐसे में यहां की लड़ाई दिलचस्प मानी जा रही है. मतदाताओं की खामोशी टूटने का नाम नहीं ले रही है. ऐसे में सभी प्रत्याशियों के पसीने छूट रहे हैं. माना जा रहा है कि अंतिम वक्त में आकर यहां की लड़ाई त्रिकोणीय लड़ाई हो जाएगी.