GAYA : गया के एसएसपी आदित्य कुमार का मामला रफा-दफा कराने वाले शातिर अभिषेक अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद बिहार में राजनीति तेज़ हो गई है। अब हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव दानिश रिजवान ने कह दिया है कि मैंने SSP आदित्य कुमार की गिरफ्तारी की पहले ही मांग की थी। इसके लिए दानिश रिजवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भी लिखा था।
23 जुलाई 2022 को ही दानिश ने सीएम नीतीश को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था कि शराबबंदी तोडने वालों को जब पुलिस गिरफ्तार कर रही है तो आखिर किसके शह पर गया कोर्ट से जमानत खारिज होने के बावजूद अभी तक आदित्य कुमार की गिरफ्तारी नही हुई है। उन्होंने कहा था, हम सभी जानतें हैं कि यदि आज बिहार नशा मुक्ति की ओर आगे बढ रहा है तो उसमें सबसे बड़ा योगदान आपका है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। बडे से बडा नेता हो या और कोई भी शराबियों को आप कहीं से नहीं बख़्शतें। लेकिन गया के पुर्व SSP आदित्य कुमार का नाम जैसे सामने आता है ऐसा प्रतीत होने लगता है कि कहीं ना कहीं से प्रशासनिक अमला उस व्यक्ति को बचाने में लगा हुआ है।
दानिश रिजवान ने कहा था कि किसी के घर पुलिस को सिर्फ शराब होने की सूचना मिल जाए तो उस घर की नई नवेली दुल्हन तक का कमरा खुलवाकर चेकिंग की जा रही है पर शराब माफियाओं के मददगार पुर्व SSP की जमानत याचिका खारिज होने के बावजूद आज तक ना तो उन्हें पुलिस ने पकड़ा ना ही उनके घर पर छापेमारी की गई बल्कि उसके विपरित उन्हें गया जिला बल से दो-दो सुरक्षाकर्मी,गया BMP से खाना बनाने के लिए कूक,टेलर,सफाईकर्मी के अलावा गया BMP से वह तमाम सुविधाएं दी जा रहीं हैं जो बिहार के एक कैबिनेट मंत्री को भी नहीं मिलती है। एक तरफ बिहार पुलिस शराब माफियाओं के मददगारों को दूसरे राज्यों से पकड़कर जेल भेज रही है वहीं दूसरी तरफ कोर्ट की नजर में फरार IPS ऑफिसर को वही पुलिस सुरक्षा मुहैया करा रही है,जो अपने आप में कई सवालों को जन्म दे रही है।