दलितों पर हमले के बाद बीजेपी का सियासी ड्रामा देखिये: अपनी ही सरकार से कर रही कार्रवाई की मांग, क्या नीतीश कुमार नहीं सुन रहे बात

दलितों पर हमले के बाद बीजेपी का सियासी ड्रामा देखिये: अपनी ही सरकार से कर रही कार्रवाई की मांग, क्या नीतीश कुमार नहीं सुन रहे बात

PATNA : पूर्णिया के बायसी में महादलित टोले पर हमला कर एक व्यक्ति की बर्बर हत्या, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार औऱ लगभग दो दर्जन घरों को जला दिये जाने के बाद पूरे देश में हंगामा मचा है. इन सबके बीच बीजेपी ने सियासी ड्रामा शुरू कर दिया है. बिहार सरकार में शामिल सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी अपनी ही सरकार से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है. सवाल ये है कि सरकार को किसने कार्रवाई से रोक रखा है जिसके कारण बीजेपी को ऐसी मांग करनी पड़ रही है. क्या नीतीश कुमार बीजेपी की बात नहीं सुन रहे हैं.


महादलित टोले पर हमले के बाद बीजेपी की पॉलिटिक्स
पूर्णिया के बायसी में नियामतपुर मझुवा गांव पर 19 अप्रैल की रात सैकड़ों लोगों ने हमला बोल दिया था. ये बस्ती महादलित तबके के लोगों की है. चार दिन तक बिहार सरकार से लेकर बीजेपी तक सोयी रही. कल से इस मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया. पूरे देश में आवाज उठनी शुरू हुई. आऱोप है कि एक खास समुदाय के लोगों ने दलित टोले पर हमला कर बर्बरता की सीमा पार कर दी. नेवालाल राय नाम के व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी. गांव के लोगों को कहना है कि महिलाओं के साथ वहशी तरीके से दुर्व्य़वहार किया गया औऱ गांव के दर्जनों लोगों को बुरी तरह पीटा गया. 


मामले के तूल पक़ड़ने के बाद बीजेपी ने रविवार को महादलित टोले में अपनी टीम को भेजा. बीजेपी की इस टीम में प्रदेश के पदाधिकारी औऱ विधायक शामिल थे. बीजेपी की टीम ने महादलित टोले का दौरा करने के बाद प्रेस रिलीज जारी कर सरकार से मांग की है. देखिये क्या लिखा है बीजेपी की प्रेस विज्ञप्ति में“पूर्णिया के महादलित टोले पर मुस्लिम समुदाय के 200-300 लोगों ने हमला कर 23 घरों को जला दिया. मेवालाल राय की पीट-पीट कर हत्या कर दी. महादलित तबके के लोगों के घरों को घेर कर उन्हें पीटा गया औऱ महिलाओं से दुर्व्यवहार किया गया. बीजेपी सरकार से मांग करती है कि दोषियों की गिरफ्तार कर स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा दिलायी जाये. महादलितों को सुरक्षा औऱ उचित मुआवजा दिया जाये.”


बीजेपी ने जुल्म का शिकार बने महादलित टोले में अपने प्रदेश कोषाध्यक्ष दिलीप जायसवाल के साथ साथ विधायक कृष्ण कुमार ऋषि औऱ दूसरे नेताओं को भेजा था. प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के निर्देश पर इस टीम ने महादलित टोले का  दौरा किया है.


इतनी बेबस क्यों है बीजेपी
क्या कोई सत्तारूढ़ पार्टी अपनी ही सरकार से डिमांड करेगी या फिर कार्रवाई करेगी. बीजेपी बिहार के सत्तारूढ़ गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है. फिर महादलित टोले पर हमले के बाद उसकी सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं किया. आखिरकार क्यों सरकारी पार्टी को ही सरकार से कार्रवाई की मांग करनी पड़ रही है. क्या नीतीश कुमार बीजेपी की नहीं सुन रहे हैं. 


बीजेपी के प्रेस रिलीज से ही स्पष्ट है कि महादलित टोले पर हमला करने वालों की गिरफ्तारी नहीं हुई है. फिर बीजेपी अपनी ही सरकार औऱ पुलिस से हमलावरों की गिरफ्तारी क्यों नहीं करा रही है. जाहिर है बीजेपी एक साथ दोनों साधना चाह रही है, सरकार में भी बनी रहे औऱ वोटर भी संतुष्ट रहें.