PATNA : बिहार में दलित और आदिवासी समाज की सुरक्षा और न्याय की मांग को लेकर आज जनतांत्रिक विकास पार्टी ने पटना में एक दिवसीय धरना का आयोजन किया। इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने बिहार की महागठबंधन सरकार को दलित और आदिवासी विरोधी बताते हुए कहा कि हत्या, दुष्कर्म, दलित उत्पीड़न और पटना में दलित छात्रों पर मुकदमा जैसी घटनाएं ये सोचने को मजबूर करती हैं कि क्या बिहार में दलितों को रहने का अधिकार नहीं है? नीतीश कुमार को ये बताना चाहिए। उन्होंने नीतीश सरकार को दलितों, शोषितों और वंचितों को न्याय दिलाने में नाकाम बताया।
अनिल कुमार ने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद प्रदेश में दलित शोषित वंचितों पर लगातार हमले हो रहे हैं। लगातार दलितों की हत्याएं हो रही है लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है। इसके खिलाफ आज जनतांत्रिक विकास पार्टी ने धरना दिया है। उन्होंने महागठबंधन की सरकार बाबा साहब के संविधान के पालन कराने में फेल है। रोज दलितों पर अत्याचार और उत्पीड़न हो रहे हैं और उन्हें दबाने का काम किया जा रहा है। कभी घर में तो कभी छात्रावास में घुसकर छात्रों पर गोली चलाई जा रही हैं। दलित बच्चियों के साथ बलात्कार किया जा रहा है और न्याय नहीं मिल रहा है।
अनिल कुमार ने कहा कि यह सरकार निकम्मी है। उन्होंने सरकार से पूछा है कि क्या बिहार में दलितों और वंचितों का रहने का अधिकार नही है? इसका जवाब नीतीश सरकार को देना होगा। महागठबंधन सरकार आखिर क्यों मूक दर्शक बन गयी और न्याय देने में अक्षम है? इस समाज के लोगों का यहां उत्पीड़न भी हो रहा है, मुकदमे भी हो रहे हैं। आखिर हम न्याय के लिए जाएं तो कहां जाएं? नीतीश कुमार क्या चाहते हैं शोषित, वंचितों और दलितों के साथ। नीतीश कुमार ने घोषण किया था कि दलितों की हत्या होती हैं तो नौकरी देंगे। अबतक कितने दलित परिवारों को नौकरी नौकरी दी गई हैं? नीतीश कुमार यह बताएं।
धरना के दौरान उन्होंने सरकार से अनुसूचित जाति/जनजाति के उन लोगों के परिजनों को 25 – 25 लाख रुपये देने की मांग की, जिनकी हत्या कर दी गई है। इसके अलावा दलित नेता अमर आजाद को सुरक्षा और सुल्तानगंज थाना में कांड संख्या 338/22 और 339/2022 की निष्पक्ष जांच के साथ दोषियों को सजा दी जाए। धरना में जनतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार, राष्ट्रीय महासचिव रंजन कुमार, प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार मंडल, प्रधान महासचिव अमर आजद पासवान, अति पिछड़ा प्रकोष्ट के अध्यक्ष राजकमल, प्रदेश सचिव सुधीर रजक समेत कई नेता शामिल हुए।