PATNA : देश में एक साथ चुनाव करवाने के लिए गठित कमेटी ने पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अगुवाई में अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है।अब यह कमेटी आज यानी गुरुवार को अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है। 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की अपनी सिफारिश के पीछे यह तर्क दिया है कि बार-बार चुनाव के कारण देश की अर्थव्यवस्था और समाज को होने वाली तकलीफों से बचाया जा सकता है।
देश में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' मॉडल को लागू करने से पहले कई बदलावों की आवश्यकता होगी। सभी चुनावों के लिए एक वोटर लिस्ट अपनानी होगी। इसके अलावा संविधान संशोधन की भी आवश्यक्ता पड़ेगी। इसके लिए इस रिपोर्ट में एक रोडमैप प्रदान किया गया है। ऐसा कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनावों की घोषणा से पहले इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा जाएगा।
मालूम हो कि, देश के किसी न किसी राज्य में प्रत्येक वर्ष चुनाव होते रहते हैं। कही विधानसभा चुनाव हो रहे होते हैं तो कहीं पंचायत चुनाव के लिए वोट डाले जा रहे होते हैं। साल में करीब 200 से 300 दिन मतदान में ही निकल जाते हैं। कई राज्यों में अलग-अलग समय पर विधानसभा चुनाव हुए हैं। लोकसभा चुनावों के साथ उन सभी राज्यों में चुनाव करवाने के लिए कुछ राज्यों में समय से पहले चुनाव करवाने होंगे। वहीं कुछ राज्यों की सरकार को विस्तार देना होगा।
उधर, भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने एक साथ चुनाव कराने के लिए अपना समर्थन दिया है। वहीं, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों- DMK, NCP और TMC ने इसका विरोध किया है। BJD और AIADMK इसके समर्थन में हैं। रिपोर्ट में निर्वाचन आयोग, विधि आयोग और कानूनी विशेषज्ञों की राय भी शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक साथ चुनाव कराना जनहित में होगा। इससे आर्थिक विकास तेज होगा और महंगाई नियंत्रित होगी।