पॉक्सो एक्ट मामले में मुंगेर कोर्ट का फैसला, आरोपित को आजीवन कारावास की सजा, पीड़िता को 3 लाख रूपये देने का आदेश

पॉक्सो एक्ट मामले में मुंगेर कोर्ट का फैसला, आरोपित को आजीवन कारावास की सजा, पीड़िता को 3 लाख रूपये देने का आदेश

MUNGER:  मुंगेर व्यवहार न्यायालय के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार चौधरी ने पॉक्सो एक्ट के तहत हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र के मूढ़हरी निवासी कुन्दन कुमार को अंतिम सांस तक करावास के साथ विभिन्न धाराओं के तहत आर्थिक दण्ड के साथ पीड़िता को 3 लाख रूपए बतौर मुआवजा देने कि सजा सुनाई।


मुंगेर मे व्यवहार न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश षष्ठ सह विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट प्रदीप कुमार चौधरी ने खड़गपुर थाना कांड संख्या 216/20 तथा पाक्सो केस संख्या 84/20 में सजा के बिन्दू पर सुनवाई की। अभियुक्त कुंदन सिंह को पाक्सो एक्ट की धारा 4/6 तथा आईपीसी की धारा 376, 364 ए, 363, 366 ए में दोषी करार देते हुए अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई साथ ही पीड़िता को 03 लाख रुपया मुआवजा का आदेश दिया। 


मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से स्पेशल पीपी पाक्सो एक्ट प्रीतम कुमार वैश्य ने बहस में भाग लिया। जानकारी के अनुसार खड़गपुर मुंडेरी निवासी सूचक ने खड़गपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए बताया था कि 19 अगस्त 20 की शाम 6 बजे उसकी पुत्री जब बाजार गई थी, तभी रास्ते में गांव का ही अभियुक्त कुंदन सिंह उसकी पुत्री को बाइक पर बिठा कर भगा ले गया।


 कुंदन कुछ दिन अपने कजरा स्थित ससुराल में लड़की को रखने के पश्चात उड़ीसा लेगाया उसके बाद भुवनेश्वर ले गया। कुंदन ने पीड़िता द्वारा उसके पिता को फोन करवा कर 50 हजार रुपए की मांग की। इसके बाद दोनों कजरा अरमा आ गए। कजरा अरमा से पुलिस ने पीड़िता को बरामद कर लिया लेकिन अभियुक्त फरार हो गया। बाद में 10 अगस्त 21 को अभियुक्त कुंदन सिंह ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया, तब से वह जेल में बंद है। 


इसी बीच पुलिस ने 24 अगस्त 21 को कुंदन सिंह और उसके माता पिता सहित 3 लोगों के विरूद्ध चार्जशीट दाखिल किया। मामले में गवाहों की सुनवाई के पश्चात कोर्ट द्वारा 19 जुलाई 24 को कुंदन सिंह को दोषी करार दिया गया। जबकि ट्रायल के दौरान कोर्ट उसके माता पिता को दोष मुक्त कर दिया । सजा के बिंदू पर सुनवाई हुई जिसमें अंतिम सांस तक कुंदन सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई साथ ही पीड़िता को 03 लाख रुपया मुआवजा का आदेश दिया गया।