PATNA: पटना हाईकोर्ट ने आज नेपाली नगर में तोड़े गये मकानों पर फैसला सुनाया। राजधानी पटना के राजीव नगर आवास बोर्ड के जमीन पर बने अवैध निर्माण को लेकर पटना हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया। कोर्ट ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार को मुआवजा देने का निर्देश दिया है । इसके साथ ही आवास बोर्ड की याचिका को भी रद्द कर दिया गया है।
वही इलाके के तोड़े गए मकान के बदले लोगों को 5 -5 लाख रुपया मुआवजा देने का निर्देश दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद नेपाली नगर इलाके में जश्न का माहौल है। लोगों ने मंदिरों में पूजा पाठ की और भगवान को 151 किलों लड्डू चढ़ाया। भगवान हनुमान को लड्डू का भोग लगाने के बाद इलाके में महाभंडारे का भी आयोजन किया। जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों के भोजन की व्यवस्था की गयी है। नेपाली नगर के लोगों ने कहा कि आज हम सभी ने होली और दीवाली एक साथ मनाया है क्यों कि घर टूट जाने के कारण हमने ना तो होली मनाई और ना ही दिवाली। कोर्ट के फैसले के बाद आज नेपाली नगर में रहने वाले लोगों ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर बधाई और शुभकामनाएं दी।
दरअसल, पटना हाईकोर्ट ने आवास बोर्ड और प्रशासन की ओर से लगाई गई याचिका को रद्द करते हुए इस इलाके के तोड़े गए मकान के बदले लोगों को 5 -5 लाख रुपया मुआवजा देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही 2018 से पहले बने मकानों को सेटलमेंट करने का भी निर्देश जारी किया गया है। इस मामले की सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट के न्यायधीश संदीप कुमार की बेंच ने तोड़े गए मकान के बदले पांच-पांच लाख मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
इस याचिका पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि नेपाली नगर में प्रशासन की कार्रवाई पूरी तरह से गलत है। इसको लेकर पहले वहां रह रहे लोगों को न नोटिस दिया ना अपील करने का वक्त दिया। जिन घरों पर प्रशासन ने कार्रवाई की है वो अतिक्रमणकारी नहीं हैं। नेपाली नगर के लोगों के लिए ही दीघा स्पेशल सेटलमेंट एक्ट और स्कीम बनी थी। राज्य सरकार ने पालन नहीं किया। इस वजह से हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को रद्द कर दिया है।
मालूम हो कि, 21 जुलाई 2022 को जिला प्रशासन की टीम नेपाली नगर में अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। जिला प्रशासन की टीम का कहना था कि लोगों को नोटिस दे दिया गया है। इसके बाद भी लोगअवैध तरीके से कब्जा कर मकान बनाकर रह रहे हैं। जिसके बाद यह एक्शन लिया गया है। जिसके बाद वहां से लोगों से पुलिस की कार्रवाई का जमकर विरोध किया था। इस दौरान पुलिस और अतिक्रमणकारियों के बीच झड़प भी हुई थी। कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे। इस पूरे मामले को लेकर राजीव नगर थाने में दो अलग-अलग केस दर्ज किए गए थे।
इधर, प्रशासन की कार्रवाई के बाद लोगों ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने और नए निर्माण पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया था। इसके साथ ही कहा था कि पूरे इलाके में बिजली-पानी बहाल की जाए। अब इस पूरे मामले में 10 महीने बाद हाईकोर्ट का फैसला आया है। इसके साथ ही कोर्ट से इस ममाले में शामिल पुलिसकर्मियों की भी लिस्ट मांगी गई है।