कोरोना जांच के नाम पर सरकार का क्रूर मजाक: मधुबनी में 15-20 दिन पहले लिये गये सैंपल कोने में रखकर छोड़ दिये गये हैं

कोरोना जांच के नाम पर सरकार का क्रूर मजाक: मधुबनी में 15-20 दिन पहले लिये गये सैंपल कोने में रखकर छोड़ दिये गये हैं

MADHUBANI : बिहार में कोरोना को लेकर सरकार कितनी गंभीर है ये देखना हो तो मधुबनी आइये. मधुबनी के सदर अस्पताल के उस कमरे को देखिये जहां RT-PCR टेस्ट के लिए गये सैकड़ों कार्टून में रख कर छोड़ दिये गये हैं. ये वो सैंपल हैं जो 15-20 दिन पहले लिये गये थे. कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक टेस्ट सैंपल को डीप फ्रीजर में रखना है लेकिन मधुबनी में कोरोना की जांच भी भगवान भरोसे ही है. 


क्या कहते हैं एक्सपर्ट
कोरोना जांच को लेकर एक्सपर्ट्स कह चुके हैं कि सैंपल को अगर स्टोर भी करना है किस तरीके से. उनका कहना  है कि टेस्ट के लिए लिये गये सैंपल को दो से चार दिन तक रखना है तो उसे 4 से 8 डिग्री तापमान पर रखा जा सकता है. अगर इससे ज्यादा दिन स्टोर करना है तो सैंपल को डीप फ्रीजर में रखना चाहिये. तभी ये सैंपल सुरक्षित रहेंगे. लेकिन मधुबनी में सैंपल को एक कमरे में यू हीं छोड़ दिया गया है. ऐसे सैंपल की रिपोर्ट क्या आयेगी ये उपरवाला ही जानता होगा. 


मधुबनी सदर अस्पताल का ये है हाल
हमारी टीम ने मधुबनी सदर अस्पताल के फ्लू सेंटर का जायजा लिया. ये वही फ्लू सेंटर है जहां कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया जाता है. फ्लू सेंटर के कमरे में कोरोना टेस्ट के सैंपल को यूं ही बेतरतीब छोड़ दिया गया था. फ्रीजर की कौन कहे कमरे में पंखा तक नहीं था. हमने वहां मौजूद कर्मचारियों से बात की तो पता चला कि उस कमरे की सही से सफाई तक नहीं होती. 


20 दिनों से पड़े हैं सैंपल
कोरोना टेस्ट के लिए गये सैंपल मधुबनी के सदर अस्पताल में 20 दिन से पड़े हैं. सदर अस्पताल के फ्लू सेंटर में पड़े सैंपल में से कुछ 10 अप्रैल को लिये गये थे. कुछ सैंपल ऐसे भी थे जो 14 अप्रैल को ही लिये गये थे. 22 दिन पहले जिस मरीज का सैंपल लिया गया था उसका 22 दिनों में क्या हुआ होगा ये बताने की जरूरत नहीं है. 


कई दिनों से सैंपल ही नहीं भेजा जा रहा
मधुबनी सदर अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि यहां लिये जाने वाले RT-PCR सैंपल को मधुबनी के ही निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भेजा जाता है. लेकिन उस अस्पताल के लैब के टेक्निशियन कोरोना पॉजिटिव हो गये हैं. ऐसे में वहां पिछले कई दिनों से जांच को बंद कर दिया गया है. लिहाजा सदर अस्पताल से उस निजी मेडिकल कॉलेज में सैंपल ही नहीं भेजा जा रहा है. वहीं मधुबनी के दूसरे प्रखंडों में लिये गये सैंपल को पटना भेजा जाता है. 


आंखों से दिख रही तस्वीर को प्रशासन ने नकारा 
मधुबनी सदर अस्पताल की तस्वीर सामने दिख रही है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने इसे गलत करार दिया. सदर अस्पताल के प्रबंधक अब्दुल मजीद ने बताया कि टेस्ट सैंपल को आइस बॉक्स में रखा जाता है. अस्पताल में फ्रीजर नहीं है लेकिन आइस बॉक्स में सैंपल रखने की व्यवस्था है. उधर सिविल सर्जन ने कहा कि वे सदर अस्पताल के अधीक्षक औऱ अस्पताल प्रबंधक से मामले की जानकारी लेंगे. 


मधुबनी में जांच में भारी गड़बड़ीवैसे ये मधुबनी के लिए नया वाकया नहीं है. कुछ दिन पहले ही मधुबनी के कई प्रखंडों ने बिना रजिस्ट्रेशन के ही औऱ खराब सैंपल भेज दिये थे. तमाम सैंपल को वापस कर दिया गया था. कुछ दिन पहले ही मधुबनी के झंझारपुर से बीजेपी के विधायक नीतीश मिश्रा ने बयान दिया था कि 15 दिनों से मधुबनी में RT-PCR टेस्ट
की कोई जांच रिपोर्ट आयी ही नहीं है.