कोरोना से बिगड़े हालत देख रेलवे मदद को आगे आया, बिहार के 15 स्टेशनों पर कोविड कोच लगेंगे

कोरोना से बिगड़े हालत देख रेलवे मदद को आगे आया, बिहार के 15 स्टेशनों पर कोविड कोच लगेंगे

PATNA : बिहार में कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए भारतीय रेलवे में मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. भारतीय रेलवे बिहार के 15 स्टेशनों पर कोविड-19 से लगाएगा. रेलवे ने राज्य के 15 स्टेशनों पर प्रति स्टेशन 2020 की संख्या में कुल 300 आइसोलेशन कोच खड़ा करने का फैसला किया है. इन आइसोलेशन कोचों में संदिग्धों के साथ-साथ से कोरोना मरीजों का इलाज किया जाएगा.


रेलवे ने फैसला किया है कि पटना के साथ-साथ सोनपुर, नरकटियागंज, जयनगर, रक्सौल, बरौनी, मुजफ्फरपुर, सहरसा, सिवान, समस्तीपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, छपरा, कटिहार और भागलपुर स्टेशन पर कोविड-19 लगाए जाएंगे.


स्टेशनों पर खड़े इन कोविड केयर कोच में सामान्य श्रेणी के 20 कोच हैं तथा प्रत्येक कोच में 16 मरीज रखे जा सकते हैं. प्रत्येक 5 कोच के बाद 1 वातानुकूलित कोच होगा एवं उसके आगे पुनः 05 कोच होंगे. वातानुकूलित कोच चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ एवं अन्य कर्मियों के उपयोग के लिए होंगे. कोविड केयर कोच में ऑक्सीजन सिलेन्डर की व्यवस्था रेल मंत्रालय द्वारा की गई है. साथ ही इसमें पर्याप्त संख्या में पंखा, पानी, शौचालय की व्यवस्था की गई है.


रेल प्रशासन और राज्य सरकार मिलकर कोविड केयर कोच के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल सुनिश्चित करेंगे. आइसोलेशन के लिए तैयार किए गए इन कोचों को प्रयोग के लिए सौंपे जाने के समय इसके कीटाणुशोधन एवं साफ-सफाई का कार्य रेलवे द्वारा किया गया जाएगा जबकि प्रयोग के दौरान एवं इसके बाद कीटाणुशोधन और साफ-सफाई की जिम्मेवारी राज्य सरकार की होगी.


इसी तरह मेडिकल स्टाफ को पीपीई किट और अन्य चिकित्सा सामग्री राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाना है, जबकि कोच के रख-रखाव के लिए तैनात स्टाफ को यह सुविधा रेलवे प्रदान करेगी. मरीजों के लिए दवा, चिकित्सा सामग्री, ऑक्सीजन सिलेंडर एव इससे जुड़ी अन्य सामग्री, खान-पान, शुद्ध पेयजल, आवश्यकता पड़ने पर पानी का टैंकर, बॉयो टॉयलेट, कचरों का संग्रहन एवं इसका निपटारा आदि राज्य सरकार द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा. जबकि कोचों में लिनन की व्यवस्था, पानी भरने, विद्युत आपूर्ति, बुनियादी ढांचे का रख-रखाव, संचार एवं सुरक्षा की जिम्मेवारी रेल प्रशासन की होगी.


रेलवे और राज्य सरकार के मध्य समन्वय स्थापित करने के लिए संबंधित जिला के सिविल सर्जन नोडल पदाधिकारी की भूमिका निभाएंगे. नोडल पदाधिकारी अपने-अपने जिलान्तर्गत चिन्ह्ति रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करेंगे और कोविड-19 के प्रबंधन हेतु निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत् राज्य सरकार के उत्तरदायित्वों के संबंध में आवश्यक तैयारियों आदि से रेल अधिकारियों एवं राज्य मुख्यालय को अवगत  कराएंगे.