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1st Bihar Published by: Updated Sat, 29 May 2021 09:49:37 AM IST
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DESK: कोरोना सहित 14 बीमारियों की जांच के लिए आईआईटी के पूर्व छात्र उमाकांत सोनी ने एक्सरे सेतु बनाया है। जिसकी मदद से अब घर बैठे कोरोना की रिपोर्ट पाई जा सकती है। बस एक्सरे रिपोर्ट व्हाट्सएप के जरिए 8046163838 नंबर पर भेजनी होगी और आधे घंटे के अंदर पूरी रिपोर्ट सामने होगी। इसके जरिए कोरोना सहित कुल 14 बीमारियों की जांच की जा सकती है। कोरोना रिपोर्ट देने के साथ-साथ यह चैट बॉट यह भी बताता है कि फेफड़ों में कितना संक्रमण है, वह कितना संवेदनशील है और मरीज की स्थिति कैसी है।
कोरोना की जांच में RTPCR रिपोर्ट आने में काफी समय लगता है। वहीं रैपिड टेस्ट की विश्वसनीयता पर ज्यादा भरोसा नहीं किया जा सकता। टेस्ट का सही नतीजा नहीं पता चलने से ठीक से इलाज नहीं हो पाता और मरीज की हालत खराब हो जाती है। कई बार तो जिंदगी खतरे में पड़ जाती है। वहीं सीटी स्कैन काफी महंगा पड़ता है और आम इंसान जल्दी सीटी स्कैन नहीं करा पाता। एक्सरे सेतु इन लोगों का मददगार साबित होगा। व्हाट्सएप के जरिए एक्सरे रिपोर्ट भेजने के आधे घंटे में आपको संक्रमण के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी।
स्वास्थ्य जांच के लिए किसी भी डाक्टर को बस "ट्राई द फ्री एक्सरे सेतु बीटा" पर क्लिक करना होगा। इसके बाद प्लेटफार्म व्यक्ति को दूसरे पेज पर ले जाएगा जहां वेब या स्मार्टफोन एप्लीकेशन के जरिये व्हाट्सएप आधारित चैटबाट के साथ जुड़ने का विकल्प चुन सकते हैं। इसके बाद सामने आए व्हाट्सएप नंबर पर एक्सरे भेजना होता है और फिर सटीक छवियों के साथ दो पेज की आटोमेटेड डायग्नोस्टिक रिपोर्ट आपके पास आ जाती है।
इस चैटबॉट को विकसित करने में एक साल का समय लगा। शुरुआत में रिसर्च के लिए कोविड पॉजिटिव एक्स-रे नहीं मिल रहे थे। यह सबसे बड़ी चुनौती थी। इस समस्या को दूर करने के लिए एआइ का इस्तेमाल करके एक यूनिक ट्रांसफर लर्निंग फ्रेमवर्क विकसित किया गया। इससे चेस्ट के सामान्य एक्सरे से फेफड़ों के संक्रमण की स्थिति का पता लगाया जा सकता है। यह सिस्टम एक्सरे देखकर तुरंत आउटपुट देता है। संक्रमित हिस्सों को फोकस कर रिपोर्ट बनाता है। यह रिपोर्ट कुछ ही मिनट में फेफड़ों व चेस्ट के अलग-अलग भागों में हुए संक्रमण के आधार पर स्कोर देती है।
एक्सरे सेतु ने पिछले 10 महीनों में ग्रामीण क्षेत्रों में 300 से अधिक डाक्टरों की मदद की है। इस चैट बॉट से कोविड-19 सहित तपेदिक, निमोनिया और फेफड़ों से संबंधित 14 अन्य बीमारियों का भी पता लगाया जा सकता है। एक्सरे सेतु का उपयोग एनालाग और डिजिटल एक्स-रे दोनों के लिए किया जा सकता है। मोबाइल से भेजे गए कम-रेजोल्यूशन छवियों को देखकर भी यह बीमारी बताने में सक्षम है।
IIT के एनवायर्नमेंट इंजीनियरिग एंड मैनेजमेंट से M.TECH के पूर्व छात्र रहे उमाकांत सोनी ने इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस, एआइ रोबोटिक्स टेक्नोलाजी पार्क और निरामय हेल्थ के साथ मिलकर यह चैट बॉट विकसित किया है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल किया गया है। "एक्सरे सेतु" से तीन सौ डाक्टर जुड़े हैं।